डीएसआर विधि से उन्नत खेती करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण
शेखपुरा
जिले के कस्टम हायरिंग सेंटरों पर आज जिला कृषि कार्यालय, शेखपुरा के तकनीकी पार्टनर एवं नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम अंतर्गत ITC संस्था ने जिले की जीविका दीदियों को डीएसआर विधि से धान की बुवाई करने पर प्रशिक्षण दिया। जिले के अंतर्गत 4 प्रखंडों में संचालित कस्टम हायरिंग सेंटरों पर यह प्रशिक्षण पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित की गयी जिसे लैपटॉप, मोबाइल एवं इन्टरनेट के जरिये संपन्न किया गया।
डॉ. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ पंकज कुमार ने इस प्रशिक्षण में मुख्य रूप से खेत की तैयारी और बुवाई पद्धति पर प्रशिक्षण दिया साथ ही साथ डीएसआर विधि के लिए सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र की पहचान करने पर ध्यान आकृष्ट किया।
उन्होंने डीएसआर के लिए सर्वोत्तम किस्मों का भी सुझाव दिया।
- राजश्री: – लंबी अवधि की विविधता के साथ सर्वश्रेष्ठ उपज। जल भराव की स्थिति के लिए प्रतिरोध।
- शुभाशिनी: – मध्य अवधि किस्म के साथ अच्छी उपज।
- प्रभात: – उच्च और निम्न भूमि के लिए। पानी की कमी के लिए प्रतिरोध। क्रॉप की अवधि 90-100 दिन
उन्होंने यह भी कहा कि इस विधि में हर 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई 5 सेमी होनी चाहिए।
इस प्रशिक्षण में जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक अनीशा के साथ-साथ जीविकोपार्जन- कृषि विशेषज्ञ सौरभ आनंद एवं प्रखंडों से कुल 20 भीआरपी, 35 सामुदायिक संगठक एवं अनेकों महिला किसानों ने भाग लिया। साथ ही साथ ITC की ओर से अरिजीत कर्मकार एवं एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम, जन निर्माण केंद्र, शेखपुरा के डीसी यशवंत कुमार सिंह ने भी इस प्रशिक्षण में धन की सीधी बुवाई तकनीक को गंभीरता से समझा और इसे आगे क्रियान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया।
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