पराली जलाने वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई
शेखपुरा
शेखपुरा जिले में कृषि विभाग के द्वारा पराली नहीं जलाने को लेकर जागरूकता अभियान तो चलाया गया परंतु इसका असर किसानों पर कम देखा गया । उधर कृषि विभाग में सेटेलाइट से पराली जलाने वालों पर मॉनिटरिंग किये जाने की बात भी मीडिया में उछाली परंतु इसका भी असर किसानों पर नहीं हुआ। बड़ी संख्या में जिले में किसान पराली जला रहे हैं और कोई कार्यवाही नहीं होने से किसानों का मनोबल भी बढ़ा हुआ है।
शेखपुरा जिले के सभी प्रखंडों में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसकी जिम्मेवारी किसान सलाहकार को दी गई है परंतु किसान सलाहकार दबंगों के डर से इस पर कोई कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।
हार्वेस्टर से कटाई के बाद पराली जलाते हैं किसान
किसानों के द्वारा धान की कटाई हार्वेस्टर मशीन से किए जाने के बाद बचे हुए पराली को खेत में आग लगा देते हैं। आग लगा देने से जहां धुँआ से प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है वही खेत में पैदावार आगे के लिए भी खराब हो जाता है। कृषि विभाग के जानकार बताते हैं कि आग लगाने से खेत के उपज करने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है परंतु किसानों बाज नहीं आ रहे।
चिन्हित किसानों पर हो रहे कार्रवाई
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसान सलाहकार के द्वारा चिन्हित किए गए पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जा रही है । एक दर्जन से अधिक किसान जिले में चिन्हित किए गए हैं। उन्हें सभी तरह के सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पराली जलाने के मामले सामने आने पर किसान को कोई सरकारी लाभ नहीं मिलेगा।
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