ताड़, खजूर के रस से बना नीरा कितना है फायदेमंद, जानिए
शेखपुरा
जिले में आज नीरा की बिक्री जीविका के द्वारा प्रारम्भ करवा दी गई | बिक्री केंद्र का शुभारम्भ जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती अनिशा गांगुली के द्वारा किया गया एवं उपस्थित जनसमूह को यह बताया गया कि नीरा ताड़, खजूर, या नारियल के पेड़ से निकलने वाला रस (या स्नाव) है| यह रस मीठा, पौष्टिक, नशारहित एवंदूधिया रंग का होता है |
सूर्योदय से पहले यदि निकलने वाले रस को पेड़ से उतार लिया जाता है तो यह नीरा रहता है एवं यह एक मीठा पेय रहता है एवं इसके पीने से नशा नहीं आता है | इसका उपयोग सभी वर्ग (पुरुष, महिलाये, बच्चे) के लोग कर सकते है | मौके पर मौजूद जीविकोपार्जन विशेषज्ञआमोद कुमार के द्वारा बताया गया कि नीरा में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व पाया जाता है जिसमें मुख्य रूप से शर्करा, विटामिन, खनिजलवण, फास्फोरस, आयरन(लोहा) एस्कोर्बिक एसिड पाए जाते है |
नीरा की ख़ास बात यह है कि इसमें ग्लाईसेमिक इंडेक्स कम पाया जाता है जिसके कारण इसका उपयोग मधुमेह के मरीज भी कर सकते है |नीरा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के बीमारीयों में फायदेमंद होता है, इसके सेवन से श्वास से सम्बन्धित बीमारी जैसे दमा, टी० बी०, इसके अलावे बाबासीर, जौंडिस, एक्जीमा, जैसे रोगों के ईलाज में रामबाण का काम करता है |
नीरा से ताल मिश्री, गुड़, पेडा, कैंडी, चीनीजैसे उत्पाद आसानी से बनाये जा सकते है |नीरा बनाया नहीं जाता है सिर्फ संग्रहण के तरीके में बदलाव से नीरा का उत्पादन किया जा सकता है | नीरा से सम्बन्धित स्टाल के उदघाटन मेंजीविका कार्यालय से मो आफ़ताब आलम, आनंद शंकर, अमरजीत कुमार, संजीव कुमार वर्मा, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल एवं छोटू के द्वारा महत्वपूर्णसहयोग प्रदान किया गया है
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