• Friday, 01 November 2024
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया

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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया

बरबीघा

बरबीघा उच्च विद्यालय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती “बरबीघा बचाओ, बरबीघा बनाओ “की ओर से “धिक्कार दिवस” के रूप में मनाया गया । पूर्व बरबीघा नगर परिषद अध्यक्ष व पूर्व प्रत्याशी बरबीघा विधानसभा शिवकुमार के नेतृत्व में राष्ट्रकवि के बरबीघा उच्च विद्यालय में स्थापित मूर्ति पर बड़ी संख्या में नौजवानों ने काला बिल्ला लगाकर माला फूल चढ़ाया ।

राष्ट्रकवि को याद करते हुए शिव कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्य है की राष्ट्रकवि जिस विद्यालय के संस्थापक प्रधानाचार्य रहे उस विधालय का नाम आज तक नहीं बदला जा सका ।

वर्तमान मुख्यमंत्री के द्वारा अनेक अवसरों पर घोषणा के बावजूद भी बरबीघा उच्च विद्यालय का नाम राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर नहीं किया जा सका । पता नहीं मुख्यमंत्री जी को और वर्तमान सरकार को दिनकर जी और बरबीघा से कौन सी एलर्जी है । हम लोगों का वर्षो से चार ही मांग रहा है।

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एक बरबीघा उच्च विद्यालय का नाम राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर रखा जाए।
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दूसरा बरबीघा को अनुमंडल का दर्जा दिया जाए
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तीसरा श्री बाबू की सबसे बड़ी देन बरबीघा सकरी नाहर अपर सकरी नहर बनाया जाए
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चौथा प्रख्यात स्वतंत्रता सैनानी और बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री बाबू और उनकी पत्नी रामरूचि देवी के नाम पर स्थापित बरबीघा एस के आर कांलेज को क्षरण से बचाया जाए ।

कवि दिनकर बरबीघा और बिहार के केवल गौरव नहीं थे वल्कि राष्ट्र के गौरव थे ।अपनी जिन्दगी मे पहली नौकरी बरबीघा उच्च विद्यालय के संस्थापक प्रधानाचार्य के रूप में उन्होंने किया था ।आज भी सभी दस्तावेज सुरक्षित है। इलाके के लोगों को गर्व होता है कि उस विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या किए हैं जिसके प्रधानाचार्य राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर रहे है।

शिव कुमार ने नौजवानों – छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि वे इसे मुद्दा बनाएं और इसके लिए अभियान चलाएं कि बरबीघा उच्च विद्यालय का नामांकरण अगले दिनकर जी के अगले वर्षगांठ के पहले सरकार करने को बाध्य हो सरकार की ओर से पटना में दिनकर जी की राजकीय जयन्ति मनाई जाती हैं पर बरबीघा में कोई सरकारी पदाधिकारी झाकने भी नहीं आता है।

 

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