नाबालिग प्रेमी पर अपहरण का आरोप, कोर्ट ने किया इस तरह से इंसाफ, बन गया नजीर
- प्रेमिका आठ माह की पुत्री को लेकर कोर्ट पहुंची
- नालंदा के हिलसा का मामला, 2019 में एफ आई आर
- बिहारशरीफ कोर्ट में प्रधान जज मानवेंद्र मिश्रा के फैसले के बाद चर्चित हुआ
- 11 फरवरी 2019 को हिलसा थाना में एफ आई आर
शेखपुरा/नालंदा
शेखपुरा जिला के मटोखर में किशोरों के लिए बने सुधार गृह में एक कम उम्र का किशोर पिछले कई दिनों से बंदी है। उधर कोर्ट में उस पर मुकदमा भी चल रहा था। नालंदा जिले के बिहार शरीफ कोर्ट में युवक पर नाबालिग किशोरी के अपहरण का मामला चल रहा था। जबकि इंसाफ का फैसला आया तो वह नजीर बन गया और इसकी चर्चा होने लगी । दरअसल यह पूरा मामला बिहारशरीफ कोर्ट में प्रधान जज मानवेंद्र मिश्रा के फैसले के बाद चर्चित हुआ।
नालंदा के हिलसा का मामला, 2019 में एफ आई आर
नालंदा जिले के हिलसा के एक गांव का यह मामला है। 11 फरवरी 2019 को हिलसा थाना में एफ आई आर दर्ज हुआ था। इसमें एक 16 वर्षीय किशोरी के अपहरण का आरोप लगाते हुए शादी की नियत से अपहरण किए जाने की बात कही गई थी। यह आरोप 15 वर्षीय किशोर पर लगाया गया था। किशोर दिल्ली में अपने रिश्तेदार के यहां रहने लगा था। बाद में किशोर ने आत्मसमर्पण किया था। जिसके बाद शेखपुरा के सेफ्टी गृह में उसे भेजने का आदेश हुआ था।
प्रेमिका आठ माह की पुत्री को लेकर कोर्ट पहुंची
इस बीच मुकदमा भी चलने लगा। न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र ने फैसले में तीन जिंदगियों के बचाने का फैसला दिया और बंदी किशोर को मुक्त करते हुए उसके विरुद्ध मुकदमा भी बंद करने का आदेश दिया। आदेश में बंदी किशोर के 8 माह की पुत्री और उसकी पत्नी को बचाने और उसके भरण पोषण का फैसला सुनाया। दरअसल उसकी प्रेमिका आठ माह की पुत्री को लेकर कोर्ट पहुंची और न्याय की गुहार लगाई।
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