पलायन का दर्द : दो बेटे गुड़गांव में चलाते हैं रिक्शा, 70 वर्ष की बूढ़ी मां भटक रही अस्पताल में
बरबीघा (शेखपुरा)
बिहार में मजदूरों के पलायन को लेकर लगातार बातें होती हैं हालांकि चुनाव में इसे सत्ता पक्ष और विपक्ष किसी के द्वारा मुद्दा नहीं बनाया जाता परंतु बिहार से मजदूरों के पलायन का दर्द मजदूरों के बूढ़े मां-बाप सबसे अधिक झेलते हैं। स्थिति यह है कि बिहार के गांव में वर्तमान समय में सिर्फ बूढ़े बूढ़ी ही बच जाते हैं। मजदूरों का सारा परिवार पलायन कर मजदूरी करने के लिए दूसरे राज्यों में चले जाते हैं।
70 वर्षीय मां भटक रहे अस्पताल में
ऐसी ही एक कहानी बरबीघा रेफरल अस्पताल में गुरुवार को देखने को मिली। गुरुवार को यहां एक 70 वर्षीय बूढ़ी महिला इलाज कराने के लिए लाठी के सहारे पहुंची। बूढ़ी महिला एक्सीडेंट में घायल हो गई थी। 3 महीने से सरकारी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। महिला के दो बेटे हैं। दोनों गुड़गांव में रिक्शा चला कर अपना परिवार पालता है। और समूचे परिवार को भी रखता है।
अकेले रहती है बूढ़ी मां
महिला ने बताया कि वह अकेले गांव में रहती हैं। महिला बरबीघा के जयरामपुर थाना के उखदी गांव निवासी लौसी चौधरी है। उसने बताया कि उसके दो बेटे है। दोनों गुड़गांव में रिक्शा चलाते हैं। सपरिवार वही रहता है। यहां वह अकेली रहती है। तीन महीना पहले उसका एक्सीडेंट हो गया था। उसी एक्सीडेंट की वजह से वह घायल हो गई और इलाज के लिए अस्पताल आना पड़ता है। बताया कि बेटे के द्वारा उनका कोई ख्याल नहीं रखा जाता। पेट पालने की मजबूरी की वजह से दोनों बेटे गुड़गांव में रहने को मजबूर हैं।
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