डीएम सख्त: सभी पंचायतों के मनरेगा काम की होगी जांच, पर क्या जांच में जेसीबी से काम कराने का होगा खुलासा
शेखपुरा
शेखपुरा जिले में मनरेगा के काम कई पंचायतों में जेसीबी मशीन से कराए गए। शेखोपुरसराय, शेखपुरा, घाटकुसुंबा, अरियरी,चेवाड़ा के कई के पंचायतों में इस तरह की शिकायतें सामने आई। जिलाधिकारी को इसको लेकर आवेदन भी दिया गया। अब डीएम इसकी जांच के आदेश दिए है।
अब जिला अधिकारी के द्वारा शेखपुरा जिले के सभी 54 पंचायतों में मनरेगा की जांच को लेकर कमेटी गठित कर दी गई है। इस कमेटी में एक बड़ी अधिकारी के साथ-साथ एक तकनीकी सहायक भी रहेंगे। अब कई जगहों से मनरेगा के काम को लेकर शिकायत के बाद इस जांच में जेसीबी मशीन से काम कराने अथवा काम के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आएगा या नहीं इसको लेकर भी जमकर सवाल किए जा रहे हैं।
कैसे होता है मनरेगा फर्जीवाड़ा
मनरेगा का काम जेसीबी मशीन से कराने में बड़ा फर्जीवाड़ा है और इसके लिए मुखिया और रोजगार सेवक की मिलीभगत से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता है। जिस जगह पर मजदूरों से मिट्टी का काम करवाना होता है उसकी फाइल नहीं खोली जाती है। पहले जेसीबी मशीन से काम करा लिया जाता है फिर एक पखवाड़ा बीत जाने पर जब शांति रहती है तब उसकी फाइल खोलकर पैसे की निकासी कर ली जाती है। इतने दिनों में कुछ मजदूर को लगाकर जेसीबी के निशान मिटा दिए जाते हैं। अब जबकि बरसात शुरू हो गया है जेसीबी से काम कराने का कहीं कोई नामोनिशान नहीं मिलेगा।
सामने आ सकता है फर्जीवाड़े का मामला
इस मामले में मुखिया के द्वारा अपने चिन्हित मजदूरों से ही कई जगह काम करा कर पैसे की निकासी की जाती है। कई वास्तविक मजदूर काम मांगते रहते हैं परंतु उनको काम नहीं मिलता। ऐसे में यदि वैसे मजदूरों की जांच की जाए, उनका बयान लिया जाए तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है।
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