कुपोषित बच्चों का यहां निशुल्क होता है लालन-पालन, बेहतरीन है व्यवस्था
कुपोषित बच्चों का यहां निशुल्क होता है लालन-पालन, बेहतरीन है व्यवस्था
शेखपुरा
सरकार के द्वारा आम लोगों के स्वास्थ्य शिक्षा की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए तरह-तरह के काम किए जाते हैं। कई तरह के योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जाता है। ऐसे में देशभर के कुपोषित बच्चों के कुपोषण से मुक्ति को लेकर सरकार का बड़ा अभियान चलता है। जिला में भी इस तरह के अभियान का असर देखने को मिल रहा है। शेखपुरा जिला में सदर अस्पताल परिसर में ही पुनर्वास पोषण केंद्र का संचालन किया जा रहा है। पोषण एवं पुनर्वास केंद्र पर 0 से लेकर 5 साल तक के कमजोर बच्चों को 21 दिनों तक रखा जाता है ।
21 दिनों तक रखे जाने के बाद कुपोषित बच्चों का वजन इत्यादि लेकर जब उसमें सुधार होता है तो उसे घर भेज दिया जाता है । इसके लिए कुपोषित बच्चे के माता को भी साथ में रखा जाता है । यहां भोजन नाश्ता सभी तरह के पोषण से युक्त दिए जाते हैं जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
सदर प्रखंड के चारे गांव निवासी साजिदा खातून ने बताया कि उनका 2 साल का बेटा अल्तमस काफी कुपोषित और कई जगह इलाज कराए पर सुधार नहीं हुआ वही इस केंद्र पर लाने के बाद यहां चिकित्सकीय सुविधा मिली और भोजन की भी व्यवस्था मिली जिसे स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
इसी केंद्र पर एफनी गांव निवासी प्रियंका कुमारी अपनी 13 महीने की बच्ची के साथ है । जबकि सदर प्रखंड के नवादा गांव निवासी सुलेखा देवी भी अपने बच्चे को लेकर यहां रह रही है । पोषण पुनर्वास केंद्र के कर्मी मुकेश पांडे ने बताया कि यहां बच्चे को नियमित रूप से पोषण युक्त भोजन और चिकित्सक के सहायता दी जाती है। साथ ही साथ माता को रहने पर भोजन के साथ 100 रूपये अतिरिक्त सहायता प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है। यहां बच्चों को दूध पीने के साथ-साथ दलिया, हलवा, फल इत्यादि दिया जाता है
0 से लेकर 5 साल तक कुपोषित बच्चों को रखने की व्यवस्था है आशा और आंगनबाड़ी की सहायता से कुपोषित बच्चों की पहचान कर यहां लाया जाता है। 21 दिन यहां रखने की व्यवस्था है। जिसके बाद सुधार होने पर घर भेजा जाता है।
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