फर्जी प्रमाण पत्र देकर बन गए लोकपाल, मामला आया सामने। धराए
शेखपुरा।
मनरेगा लोकपाल इंजीनियरिंग पंकज कुमार सिन्हा के अनुभव प्रमाण पत्र की शिकायत के आलोक में बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राधा किशोर सिंह ने नोटिस जारी कर अपने सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के मूल प्रमाण एवं अनुभव सम्बन्धी प्रमाण पत्रों के साथ सदेह उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
उन्होंने 2 अगस्त के दिन सारे कागजातों के साथ पटना कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।
सरकारी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। मालूम हो कि शहर के अहियापुर मुहल्ला निवासी प्रकाश रजक ने ग्रामीण विकास विभाग के बेबसाईट से इस जिले में तैनात मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति से सम्बन्धित डाटा खंगालने के बाद उनके गलत अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे फर्जीवाड़े के तहत सरकारी नौकरी लेने से सम्बन्धित शिकायत जिला प्रशासन से अन्य अधिकारियों तक लिखित शिकायत की। जिला प्रशासन के निर्देशों के आलोक में गत 6 जुलाई को निदेशक , लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन , जिला ग्रामीण विकास अभिकरण शेखपुरा ने इस सुचना को लिखित रूप में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध कराते हुए इस पर उचित कार्रवाई की मांग की थी।
जिला प्रशासन द्वारा सरकार को भेजे गये पत्र के आलोक में अपर सचिव ने मनरेगा लोकपाल को भेजे गये नोटिस में उल्लेख किया है कि उनके खिलाफ प्राप्त सुचना में कार्य अनुभव में भिन्नता मिली है। वर्ष 2015 के आवेदन पत्र में उनके द्वारा अभियंता सागर सोसाईटी में विधि ऑफिसर के पद पर तीन साल 2009 से 2012 के कार्य अनुभव की सुचना दी गई है। जबकि 2016 के आवेदन में विधि ऑफिसर के पद पर पांच वर्ष तीन महीने का कार्य अनुभव की सुचना दी गई जो संदेहास्पद है। इस शिकायत को लेकर उन्होंने मनरेगा लोकपाल को सदेह उपस्थित होने को कहा है।
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