• Friday, 01 November 2024
सोशल मीडिया पर लाइसेंसी हथियार के साथ भी फोटो डालना हो सकता है खतरनाक, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

सोशल मीडिया पर लाइसेंसी हथियार के साथ भी फोटो डालना हो सकता है खतरनाक, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

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दीपक कुमार/शेखपुरा

हथियारों का तस्वीर सोशल मीडिया पर लहराने का शौक लोगों को काफी है परंतु उनको यह पता नहीं कि लाइसेंसी हथियार होने पर लाइसेंस रद्द हो सकता है और अवैध हथियार होने पर उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। इस मामले में एक पूरी रिपोर्ट पढ़िए।

सोशल मीडिया पर हथियार के साथ फोटो डालने पर निरस्त हो सकता है लाइसेंस

अधिवक्ता संघ के महासचिव विनोद कुमार सिंह बताते हैं कि आजकल कुछ लाेगाें ने हथियार के साथ फोटो पाेस्ट करने काे फैशन बना लिया है। पब्लिक प्लेफाॅर्म होने के कारण यहां हजाराें लाेग एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। इस तरह की पोस्ट डलने से उन लाेगाें में पोस्ट डालने वाले व्यक्ति के प्रति डर का माहौल होता है। साेशल मीडिया पर हथियार के साथ फाेटाे पाेस्ट करना हथियार लाइसेंस की शर्ताें का उल्लंघन है।

लाइसेंसधारी भी नहीं डाल सकते हैं फोटो

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चंद्रमौली यादव कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के पास लाइसेंसी हथियार है तो भी वाे सोशल मीडिया पर एेसे फाेटाे वायरल नहीं कर सकता। एेसा करना हथियार लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे में पुलिस उसका लाइसेंस निरस्त करने के लिए प्रशासन काे लिखेगा। कोई और व्यक्ति हथियार के साथ फोटो खींच कर डालता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

खिलौने वाले हथियार के साथ फाेटाे डालना भी अपराध

अधिवक्ता अनिल कुमार चौधरी बताते हैं कि अगर काेई हथियार जैसे दिखने वाला खिलौने के साथ भी अपनी फोटो साेशल मीडिया पर वायरल करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ सोशल मीडिया पर धमकाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ऐसे में अब खिलौने वाली बंदूक के साथ फोटो सोशल मीडिया पर डालने पर भी जेल जाना पड़ सकता है।

अगर जांच में पाया जाता है कि हाथियारों का लाइसेंस कानूनों का उल्लंघन करके जारी किया गया है, तो इस स्थिति में लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। हथियारों के लाइसेंस जारी करने और रद्द करने का अधिकार जिलाधिकारी को होता है। अगर जिलाधिकारी को लगता है कि आर्म्स एक्ट 1959 और आर्म्स रूल्स 2016 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है, तो वह लाइसेंस को रद्द कर सकता है।

कब रद्द हो सकता है बंदूक या पिस्टल का लाइसेंस :-

जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार कहते हैं कि हथियारों का लाइसेंस आत्मरक्षा के लिए दिया जाता है। किसी को डराने, धमकाने या लोगों में भय का माहौल बनाने के लिए नहीं दिया जाता है। प्रशासन नियमों के उल्लंघन होने पर लाइसेंस को रद्द कर सकता है। लाइसेंस रद्द होने के बाद हथियार को फौरन जमा करना पड़ता है।

  1. अगर प्रशासन को लगता है कि किसी का बंदूक या पिस्टल के लाइसेंस को रद्द करना पब्लिक के हित और सुरक्षा के लिए जरूरी है, तो वह रद्द कर सकता है।
  2. जिस व्यक्ति को बंदूक या पिस्टल का लाइसेंस मिला है, अगर वो दिमागी रूप से डिस्टर्ब हो जाता है, तो प्रशासन उसके लाइसेंस को रद्द कर देता है।
  3. अगर किसी ने झूठी जानकारी देकर या किसी जानकारी को छिपाकर लाइसेंस हासिल किया है यानी नियमों का उल्लंघन करके लाइसेंस हासिल किया है, तो ऐसे लाइसेंस को रद्द किया जा  सकता है।
  4. लाइसेंस की शर्तों, आर्म्स एक्ट और आर्म्स रूल्स के कानून का उल्लंघन होने पर भी लाइसेंस रद्द हो सकता है।
  5. अगर हथियार को जमा करने का निर्देश दिया जाता है और लाइसेंस रखने वाला उसका पालन करने में विफल रहता है, तो भी लाइसेंस को रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है।
  6. जिसके नाम लाइसेंस है, अगर वो चाहे, तो आवेदन देकर अपने लाइसेंस को रद्द करवा सकता है।
  7. अगर हाईकोर्ट आर्म्स कानून का उल्लंघन पाता है, तो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भी लाइसेंस रद्द कर सकता है।
  8. अगर किसी को आर्म्स एक्ट या आर्म्स रूल्स के तहत अदालत से सजा मिली है, तो भी उसके लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है।
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