जानिए कैसे सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था ने दो महीने कोरोना इलाज के बाद मां को लौटा दिया उसका इकलौता पुत्र
शेखपुरा
सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कोविड-19 महामारी के दौर में सभी जगहों से बड़े पैमाने पर नकारात्मक खबरें देखने को मिली। उस में ऑक्सीजन की कमी अथवा इलाज का अभाव शामिल रहा। परंतु सकारात्मक खबरें भी ऐसी सामने आई कि डॉक्टर ने एक मां के इकलौते पुत्र को कोरोना से मरणासन्न स्थिति में भर्ती करने के बाद भी 2 महीने इलाज कर उसे ठीक करने के बाद मां को लौटा दिया। यह मामला शेखपुरा आइसोलेशन केंद्र का है। यहां युवक को विदाई समारोह पूर्वक दी गई । उसे पौधे दिए गए । फेफड़े को मजबूत करने का संयंत्र भी दिया गया। युवक शेखपुरा नगर परिषद के कटरा चौक निवासी मनोज कुमार है। युवक को आरएसएस के अभय कुमार के सहयोग से भर्ती कराया गया था। वहीं खाना खिलाने वाला युवक इंदल का सहयोग भी सराहनीय रहा।
आइसोलेशन केंद्र के प्रभारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि युवक को बहुत गंभीर स्थिति में 2 माह पहले तब लाया गया जब प्राइवेट नर्सिंग होम बिहार शरीफ के डॉक्टर ने उसे अंतिम स्थिति बताते हुए घर ले जाने की सलाह दी। डेढ़ महीने तक उसे ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखा गया और 2 माह बाद आखिरकार कोविड-19 महामारी को उसने हरा दिया। हालांकि उसके इलाज में मां मीना देवी भी पॉजिटिव हो गई थी। परंतु 2 सप्ताह में वह ठीक हो गई और अपने बेटे का देखभाल करती रही। आइसोलेशन केंद्र से बुधवार को सभी चार कोविड-19 के पॉजिटिव को घर विदा कर दिया गया। अब यहां एक भी गंभीर मरीज नहीं है । बुधवार को एकसारी निवासी सविता देवी और राजकुमार महतो को भी विदाई दे दी गई।
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