कोरोना में काम कराने का जीविका दीदियों ने किया विरोध, 22 से हड़ताल
पटना/शेखपुरा
रविवार को बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के द्वारा वर्चुअल संवाद कार्यक्रम के माध्यम से राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने की। बैठक में सभी जिलो के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में मुख्य रुप से सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के बाबजूद जीविका प्रबंधन द्वारा दवाब देकर महिला समूह की बैठकों एवं अन्य भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम आयोजित कर गरीब महिलाओं को मौत के मुंह में धकेलने की तीखी निंदा की गई।
सभी प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि जीविका प्रबंधन के ऐसे मनमानी से कोरोना वायरस का खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है। वही जीविका परियोजना का कार्य कोई आवश्यक सेवा के तहत नहीं आता है जिसका होना जरूरी है। जीविका के दो दर्जन से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं कई लोग होम कोरन्टीन में है। जबकि कुछ लोग की स्थिति चिंताजनक होने पर अस्पताल में भर्ती हैं। बैठक में चर्चा के उपरांत यह सहमति बनी कि प्रबंधन की मनमानी की शिकायत भारत सरकार के गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं बिहार सरकार से की जाएगी।
अगर 21 जुलाई तक जीविका प्रबंधन खुद से काम बंद करने का आदेश जारी नहीं करती है तो बाध्य होकर कैडर संघ 22 जुलाई से संपूर्ण बिहार में जीविका का कामकाज ठप कर अपनी सुरक्षा के साथ-साथ समाज के अन्य लोगों की सुरक्षा करेगी। वहीं बैठक में यह निर्णय लिया गया की अति आवश्यक कार्य को करने में संघ पीछे भी नहीं हटेगा।
जबकि जीविका कर्मियों एवं कैडरों के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की तरह 50 लाख रुपये के बीमा राशि की मांग की गई। बैठक में प्रदेश महासचिव विवेक कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष भारती कुमारी, जितेंद्र कुमार शर्मा, मनोज यादव सुमन कुमार झा, प्रवीण कुमार, रंजन कुमार, सुनील जायसवाल, रीमा कुमारी, नैना देवी, शोभा कुमारी, आशा कुमारी, कंचन कुमारी, चंदन कुमार, संतोष पासवान, नवीन कुमार, दुलाल चंद्र, मनोरथ कुमार, ललिता देवी, संगीता देवी सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।
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