मैं विक्रमशिला बोल रहा हूं : सुनिए मेरी कहानी सियासत से लेकर साहित्य तक, भाग-1
राहुल: राजनीतिक संपादक
गंगा किनारे बसे भागलपुर की गिनती ऐतिहासिक शहरों में होती है…। प्राचीनकाल में विक्रमशिला यूनिवर्सिटी यहीं हुआ करता था जिसका अवशेष अब भी है…। इस शहर को कभी सिल्क सिटी से नाम से जाना जाता था…। कई प्राचीन धार्मिक स्थल भी यहां है… पहले संथाली क्रांतिकारी तिलका मांझी ने यहीं अंग्रेजों से लोहा लिया था…। कई नामचीन लोगों का इस शहर से नाता रहा है…। महान कलाकार अशोक कुमार की ननिहाल यहीं थी और उनका बचपन यहीं बीता था…। बाद में उनका परिवार मध्यप्रदेश के खंडवा में बस गया था…।
मशहूर उपान्यासकार शरदचंद्र चटर्जीं ने काफी वक्त यहां गुजारे और कई कृतियों की रचना यहीं की थी…। इस शहर के दामन पर दाग भी है…। 1989 में यहां भीषण दंगा हुआ था और इसी दंगे के बाद धीरे-धीरे नाथनगर के सिल्क उद्योग की स्थिति जर्जर हो गई…। बात करें लोकसभा चुनाव की तो इसकी गिनती हाईप्रोफाइल सीटों में होती रही है और कई बार यहां दिलचस्प मुकाबले देखने को मिले हैं…।
संथाली क्रांतिकारी तिलका मांझी
आजाद को चार लाख 35 हजार से भी ज्यादा वोटों से मात मिली
कई हाईप्रोफाइल नेताओं को जीत मिली
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