नाक बेसर कागा ले भागा मोर सैयां अभागा ना जागा: पुराने होली पे यहां खूब झूमे लोग
बरबीघा।
शनिवार की रात्रि बरबीघा चौपाल द्वारा माहुरी मंडल भवन बरबीघा में आयोजित होली मिलन सह महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन किया गया।
समारोह में होली के परंपरागत और ग्रामीण गीतों का गायन किया गया। जिसमें राधा कृष्ण, शिव शंकर, गौरी, गणेश इत्यादि ईश्वर की वंदना के साथ होली का प्रारंभ हुआ। ग्रामीणों की टोली के द्वारा होली का गायन किया गया जिस पर श्रोता झूमते रहे।
इस कड़ी में शिव शंकर खेलत फाग, सदा आनंद रहे यही द्वारे मोहन खेले होली, अखियां भईली लाल एक नींद सोए द बलमुआ, नाक बेसर कागा ले भागा मोर सैयां अभागा ना जागा शामिल है।
समारोह में मुख्य अतिथि शेखपुरा के युवा एसपी दयाशंकर (आईपीएस), जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एमपी सिंह , वरीय कोषागार पदाधिकारी शशिकांत आर्य , श्री बाबू के प्रपौत्र अनिल शंकर, विकास इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के निदेशक विपिन कुमार , डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल के निदेशक सुधांशु शेखर , जिला श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के महासचिव नवीन कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे ।
बरबीघा चौपाल के एडमिन ग्रुप के अधिकारियों में अरुण साथी , रितेश सेठ , राजू जी के साथ -साथ अन्य चौपाली आगत अतिथियों के स्वागत करने और होली का रंग जमाने मे कोई कसर नही छोड़ी। वहीं प्रखर उद्घोषक की भूमिका निभा रहे भाई गणनायक मिश्र जबर्दस्त तेवर में समारोह की समा बंधाये थे। जबकि कवि आचार्य गोपाल जी ने भी कई चुटकुले सुनाकर लोंगो का दिल जीत लिया। वहीं जाने माने चिकित्सक डॉ केएमपी सिंह ने एक से बढ़कर एक चुटकुला और डाइलॉग सुनाकर जमकर तालियां बटोरी। वहीं कुटोत गांव से होली मिलन समारोह में पहुंचे होली गानेवालों की टोली ने बृज होली गाकर पुरातनकाल से मनाई जा रही होली का जीवंत स्वरूप का आभास दिलाया।
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