हर्ष हत्याकांड: स्पीडी ट्रायल में दो साल के अंदर पांच दोषियों को आजीवन करावास की सजा, हर्ष के परिवार को देने होगें एक-एक लाख
हर्ष हत्याकांड: स्पीडी ट्रायल में दो साल के अंदर पांच दोषियों को आजीवन करावास की सजा, हर्ष के परिवार को देने होगें एक-एक लाख
शेखपुरा
जिले में बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के न्यू एरिया मोहल्ले में डकैती के दौरान 17 वर्षीय किशोर की हथौड़ी से सर पर हमला करके क्रुरता से किए गए हत्या में पुलिस ने बड़ी उपलब्धि मिली। पुलिस के द्वारा स्पीडी ट्रायल और जुटाए गए साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने पांच आरोपियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई। लोक अभियोजक उदय नारायण सिंहा ने जानकारी देते हुए बताया जिला एवं सत्र न्यायधीश राजकुमार प्रथम ने यह सजा सुनाई। इसमें नावादा के विक्रम कुमार, गौतम, तिजेंद्र कुमार,रोहित कुमार तथा अमन कुमार को यह सजा सुनाई। मृतक हर्ष के परिवार को एक-एक लाख रुपये देने का भी आदेश दिए। 18 जुलाई 2021 को रात्रि में अपराध कर्मियों ने स्कूल संचालिका राधिका देवी और गृह स्वामी विनय सिंह के घर में प्रवेश कर डकैती की नीयत से घटना को अंजाम दिया।
इकलौता 17 वर्षीय पुत्र हर्ष कुमार की हत्या
हथौड़ी से सर पर प्रहार करके कर दिया गया था। इसमें राधिका देवी, विनय कुमार भी जिंदगी और मौत से महीनों जुझते रहे। वहीं पुत्री खुशी कुमारी किसी तरह से जान बचाने में कामयाब हुई और लोगों को इसकी सूचना दी। खुशी कुमारी के द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिक के आधार पर पुलिस ने 15 दिनों में ही मामले का उद्घाटन कर दिया। इसमें लुटे गए मोबाइल को भी बरामद किया। अपराध कर्मियों की पहचान की ।
नवादा के थे सभी आरोपी
इसमें नवादा जिले के वारसलीगंज के कृष्णापुरी निवासी राजू चौधरी के पुत्र रोहित कुमार, वारसलीगंज थाना के माफी निवासी नरेश चौधरी के पुत्र तिजेंद्र कुमार, शाहपुर थाना के महरथ निवासी स्वर्गीय सत्येंद्र सिंह के पुत्र विक्रम कुमार तथा महरथ निवासी कारु सिंह के पुत्र गौतम कुमार, नवादा जिला के काशीचक थाना के सुभानपुर निवासी प्रमोद सिंह के पुत्र अमन कुमार , शाहपुर थाना के जमुआमा निवासी दिनेश राम के पुत्र मिट्ठू कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया ।
जबकि सातवां आरोपी महरथ के ही संजय सिंह के पुत्र आयुष कुमार अभी गिरफ्तार नहीं हो सका । आयुष मुख्य आरोपी है। हालांकि उसके घर की कुर्की जब्ती की कार्रवाई की गई है। इस मामले में पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान का सहारा लिया। स्पीडी ट्रायल के तहत न्यायालय में केस पर विचरण पूर्ण हुआ। केस के विचारण के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेखपुरा के द्वारा सभी आरोपियों को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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