गुरु की आज्ञा मानने से ही सफल होता है मानव जीवन
शेखपुरा
कामता गांव के माध्यमिक विद्यालय मैदान में नवरात्र के तीसरे दिन से देवी भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस नौ दिवसीय यज्ञ से पुराण कथा में साहित्याचार्य स्वामी बुद्धदेवानंद गिरि, ऋषिकेश के द्वारा प्रवचन दिया जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने बताया कि नारी एवं पुरुष को अपने गुरु की आज्ञा माननी चाहिए और श्रद्धा विश्वास रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि हमारे आध्यात्मिक पक्ष एवं परिवार का सही संतुलन तभी बन सकता है। उन्होंने कहा कि मां सीता के विरह में श्री राम को रोते हुए देखकर आदि शक्ति मां सती के हृदय में मोह का बीजांकुर पैदा हो गया। अपने पति एवं गुरु शिव जी के समझाने पर भी मां सती के हृदय में संदेह बना ही रहा। पिता दक्ष के यज्ञ में जाने से नहीं रुकी। अतः अपने पिता दक्ष के यज्ञ में प्रायश्चित के रूप में आत्मदाह करके ही अपने मोह एवं त्रिया हठ का अंत करना पड़ा
मानव जीवन को सफल बनाने के निष्कर्ष में स्वामी जी ने तीन सूत्र दिए, शास्त्र में प्रमाण बुद्धि रखें। ईश्वर में आस्था बुद्धि रखेंएवं गुरु में ईश्वर बुद्धि रखनी चाहिए। इस मौके पर जनार्दन सिंह, बाबू राम सिंह, रामाशीष सिंह, शंभू सिंह आदि उपस्थित थे।
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