राज्यसभा में गूंजा कोविड-19 जांच फर्जीवाड़े का मामला, मुख्यमंत्री भी गर्म
न्यूज़डेस्क
कोविड-19 जांच के फर्जीवाड़े की रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित किए जाने के बाद जिले स्तर पर हंगामे के बीच यह मामला बिहार की राजधानी पटना से होते हुए राज्यसभा तक गूंज गई। राज्यसभा में राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा के द्वारा यह मामला उठाया गया। इस मामले पर कार्रवाई भी हुई और जमुई के सिविल सर्जन सहित चिकित्सकों पर गाज गिर गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसमें नाराज चल रहे हैं।
जमुई सिविल सर्जन निलंबित
कोविड-19 जांच फर्जी बारे में जमुई के सिविल सर्जन डॉ विजेंद्र सत्यार्थी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जमुई के डॉ विमल कुमार चौधरी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सिकंदरा डॉक्टर साजिद हुसैन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बरहट डॉक्टर एनके मंडल के साथ-साथ तीन जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है । बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस पर सख्ती दिखाई है।
वही राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा के द्वारा कोविड-19 के फर्जीवाड़े की बात उठाई। यह बात राज्यसभा सभा में शुक्रवार को उन्होंने रखा। साथ ही उन्होंने इसकी त्वरित और उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की। उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बगैर टेस्ट किए हैं जांच की रिपोर्ट मीडिया में आने पर नाराजगी जाहिर की है और सभी जिले में जांच कराए जाने की बात कही है।
शेखपुरा में फर्जी जांच की बात निकली झूठ
शेखपुरा सिविल सर्जन डॉक्टर वीर कुंवर सिंह एवं डीपीएम श्याम कुमार निर्मल के द्वारा शुक्रवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर फर्जी जांच के मामले को खारिज कर दिया और बताया कि धर्मेंद्र कुमार नामक कोई शेखपुरा पीएचसी में कर्मचारी में नहीं है। अजीत कुमार बरबीघा अस्पताल में कर्मी हैं। सोनाली उनकी पुत्री और यह पूरी तरह से सही है। उनका मोबाइल नंबर भी सही दिया गया है। बता दें कि आपके अपने लोकप्रिय वेबसाइट ने सबसे पहले इस खबर को ब्रेक किया था।
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