सद्भावना: मुस्लिम शेरशाह सूरी के कुआं के पानी से 400 साल से बन रहा छठ खरना का प्रसाद
शेखपुरा
शेखपुरा जिले में धार्मिक सद्भावना और आपसी भाईचारे का प्रतीक एक कुआं भी बना हुआ है। यह कुआं शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र के खाँडपर मोहल्ले में है। इसे दाल कुआं के नाम से भी जाना जाता है। कथित तौर पर इस कुआं का निर्माण 1534 ईस्वी में मुगल शासक शेरशाह सूरी के द्वारा किया गया था।
बताया जाता है कि शेरशाह सूरी अपने सैनिकों के साथ गुजर रहे थे उसी दौरान पड़ाव के क्रम में अपने सैनिकों को पानी पीने के लिए कुआं खुदवा आया था। इस दाल कुआं के नाम से भी जाना जाता है।
शेरशाह सूरी के द्वारा कराए गए इस कुएं से ही छठ पर्व पर महिलाओं के द्वारा खरना का प्रसाद बनाया जाता है। इसे धार्मिक सौहार्द के रूप में भी जाना जाता है। कुएं के पानी से प्रसाद बनाने की परंपरा 400 साल से चल रही है। बताया जाता है कि सभी घरों में चापाकल और बोरिंग का पानी उपलब्ध है परंतु परंपरागत रूप से इसी कुएं के पानी से खरना का प्रसाद लोग बनाते हैं। और उसका वितरण किया जाता है।
बता दें कि छठ पर्व पर दूसरे दिन खरना किये जाने की परंपरा होती है। जिसमें महिलाओं और व्रती महिलाओं के द्वारा खरना का प्रसाद बनाकर वितरण किया जाता है। सूर्य उपासना के दूसरे दिन खरना का काफी महत्व होता है और इस महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान में शेरशाह सूरी के द्वारा खुदाई गए कुएं के पानी से खरना का प्रसाद बनाने की परंपरा 400 सालों से चली आ रही है।
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