Good News: अब जिले में नीली क्रांति करने की हो रही है कवायद
Good News: अब जिले में नीली क्रांति करने की हो रही है कवायद
शेखपुरा
शेखपुरा में अब नीली क्रांति करने की कवायद हो रही है। नीली क्रांति के इस कवायद में जिलाधिकारी सावन कुमार रविवार को भी गांव में धूप में घूमते दिखाई दिए। रविवार के दिन कड़ाके की धूप में जिलाधिकारी गांव-गांव घूमते रहे और नीली क्रांति के इस कवायद में किसानों से बातचीत की। दरअसल नीली क्रांति मत्स्य पालन से जुड़ा हुआ है। मत्स्य पालन को जिले में काफी आगे ले जाने को लेकर जिलाधिकारी ने कमर कस ली है और इसके लिए बड़े स्तर पर कवायद की गई है।
इस संबंध में मिली सूचना में बताया गया कि रविवार के दिन जिला अधिकारी के द्वारा बरबीघा प्रखंड के तेउस, धरसेनी, देलहवा तथा शेखपुरा सदर प्रखंड के मेहुस इत्यादि कई गांव में जाकर मत्स्य पालन करने वाले किसानों से बातचीत की। जिला अधिकारी के साथ जिला पशुपालन पदाधिकारी भी रहे। किसानों ने उन्हें अपनी समस्याएं बताई तथा मत्स्य पालन और इसकी बिक्री में होने वाले कठिनाइयों को दूर करने का निवेदन किया ।
किसानों ने गिनाए अपनी समस्याएं तो मिला भरोसा
धरसेनी में किसान रामाशंकर सिंह टूटू ने बताया कि उनके खेत में बिजली विभाग के द्वारा बिजली का तार नहीं बिछाया जा रहा है। पोल नहीं लगाया जा रहा है। मत्स्य पालन के लिए तालाब खुदाई का सब्सिडी मिला है परंतु बोरिंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से तालाब में पानी भरने में दिक्कत हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने तालाब में के किनारे बोरिंग की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। जबकि पुराने मत्स्य पालक तेउस निवासी शिव कुमार ने बताया कि उनके तालाब का उन्होंने निरीक्षण किया और काफी संतुष्ट हुए । हालांकि तालाब के एक्सटेंशन को लेकर होने वाली परेशानी से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया है। जिस पर राज्य स्तरीय पहल करने का उन्होंने आश्वासन दिया। उधर, जिलाधिकारी ने बताया कि जिले को नीली क्रांति से जोड़ने की पहल हो रही है।
नीली क्रांति में मछली बिक्री का भी बन रही योजना
घाटकुसुंभा ब्लॉक में बड़े स्तर पर जगह चिन्हित कर वहां तालाब का निर्माण कराया जाएगा। यहां से मछली का उत्पादन होने के बाद उसकी बिक्री पटना और पटना जिले के ही बाढ़ अनुमंडल में करने की बड़े पैमाने पर योजना बनाई जा रही है। नीली क्रांति होने से किसानों के घरों में खुशहाली आएगी। मत्स्य पालन से किसानों को काफी फायदा होता है। इसीलिए मत्स्य पालन से किसानों को जोड़ने के लिए उन को प्रेरित किया जा रहा है। उन्हें सभी तरह की सुविधाएं सहजता से उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है।
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