रोहिणी नक्षत्र में होने लगी बारिश क्यों चिंतित हो गए किसान
एडिटोरियल डेस्क
रोहिणी नक्षत्र में शनिवार को भी शाम में बारिश होने लगी। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। शनिवार की शाम अचानक मौसम का मिजाज बदला और पहले तेज हवा चली और फिर झमाझम बारिश होने लगी। रोहिणी नक्षत्र में पहले भी तेज आंधी और बारिश हुई है। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई है।
क्या है रोहिणी नक्षत्र में बारिश का महत्व
रोहिनी बरसै मृग तपै, कुछ कुछ अद्रा जाय।
कहै घाघ सुन घाघिनी, स्वान भात नहीं खाय।
उपरोक्त कविता की पंक्ति पौराणिक जमाने के कवि घाघ की है। उन्हें मौसम वैज्ञानिक भी कहा जाता है। उनके अनुसार रोहन नक्षत्र में भीषण गर्मी होना धान की फसल के लिए उपयुक्त है। मिर्गीसरा नक्षत्र में वर्षा होना धान की खेती के लिए उपयुक्त है। वैसे में धान की फसल इतनी अच्छी होती है कि कुत्ते भी भात खाना पसंद नहीं करते हैं। अब किसानों की चिंता भी बढ़ गई है कि रोहन नक्षत्र में लगातार बारिश हो रही है। वैसे में धान की अच्छी फसल होने का अनुमान नहीं लगाया जा रहा।
क्या कहते हैं गांव के किसान
किसान धर्मराज कुमार शेखपुरा बरबीघा के शेरपुर गांव के किसान हैं। वे कहते हैं कि प्राकृतिक के हिसाब से रोहन नक्षत्र में बारिश नहीं होना चाहिए। अब बारिश हो गई है तो किसान इसको धान की अच्छी फसल नहीं होने के रूप में देखते हैं।
लखीसराय जिले के नंदनामा गांव के किसान मुकेश कुमार की माने तो पुराने जमाने के मौसम विज्ञानिक घाघ थे और उनके द्वारा की गई कविताओं के माध्यम से किसान आज भी खेती करते हैं और यह सटीक उतरता है। इस साल रोहन नक्षत्र में बारिश हो जाने से किसान चिंतित हो गए हैं।
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