महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था ..सभी ले रहे है शपथ..
शेखपुरा
डॉ मृगेन्द्र प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन के अध्यक्षता में आज समाहरणालय के श्रीकृष्ण सभागार में स्वास्थ्य और आई0सी0डी0एस0 की संयुक्त समीक्षात्मक बैठक हुई। कार्यक्रम के शुरूआत में सभी अधिकारियों को सिविल सर्जन के द्वारा स्वच्छता की शपथ दिलाई गयी।
स्वच्छता हेतु शपथ
महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी।
महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर माँ भारती को आजाद कराया।
अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें।
मैं शपथ लेता हूँ कि मै स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा।
हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह 02 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूंगा।
मै न गंदगी करूंगा न किसी को करने दूंगा।
सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरूआत करूंगा।
मैं यह मानता हूं कि दुनिया के जो भी स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और न हीं होने देते हैं।
इस विचार के साथ मैं गाांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा।
मैं आज जो शपथ ले रहा हूं, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाउंगा।
वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा।
मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।
सिविल सर्जन ने कहा कि स्वाच्छता के लिए हम सभी को आगे बढ़कर कार्य करना होगा इसमें जन भागीदारी भी जरूरी है।
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