• Friday, 01 November 2024
आठ साल से शिक्षिका फर्जी प्रमाण पत्र पर कर रही थी नौकरी, अब जाकर FIR

आठ साल से शिक्षिका फर्जी प्रमाण पत्र पर कर रही थी नौकरी, अब जाकर FIR

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आठ साल से शिक्षिका फर्जी प्रमाण पत्र पर कर रही थी नौकरी, अब जाकर FIR

शेखपुरा

बिहार में शिक्षकों की बहाली का मामला हमेशा से विवादों में रहा है। फर्जी प्रमाण पत्रों पर शिक्षकों की बहाली 8 साल के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। 8 साल के बाद एक बार फिर से शेखपुरा जिले में दो शिक्षिका पर फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने का मामला सामने आया है। जिसकी प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।

यह पूरा मामला शेखपुरा जिले के कसार थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र में कसार थाना क्षेत्र में नौकरी करने वाले दो प्रखंड शिक्षिकाओं के विरुद्ध जालसाजी और गलत प्रमाण पत्र देने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए कसार थाना अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि यह प्राथमिकी मध्य विद्यालय बरूनी में पदस्थापित प्रखंड शिक्षिका प्रीति कुमारी और मध्य विद्यालय वरुणा में पदस्थापित ममता कुमारी के विरुद्ध दर्ज कराई गई है। दोनों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। फर्जी प्रमाण पत्र की बात कही गई है। यह प्राथमिकी निगरानी विभाग बिहार सरकार के पुलिस निरीक्षक सिकंदर मंडल ने बुधवार को थाना में दर्ज कराई है ।

बताया कि 2014 में दोनों शिक्षकों की बहाली हुई थी फिर पटना हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर शिक्षक बहाली की जांच निगरानी विभाग को सौंपा गया। 2016 से निगरानी विभाग शिक्षकों की बहाली जांच कर रही है। प्रमाण पत्रों को खंगाल रही है। उसी के आलोक में दोनों को फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाली के मामले में पकड़ा गया है।

मिली जानकारी में बताया गया कि प्रीति कुमारी नवादा जिले के पकरीवरवां निवासी है जबकि ममता कुमारी जमुई जिला के चंद्रदीप थाना के हिलसा गांव निवासी है।

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