पहले बजरंगबली यहां खेलते हैं होली फिर पूरे गांव में शुरू होती है होली
पहले बजरंगबली यहां खेलते हैं होली फिर पूरे गांव में शुरू होती है होली
शांति भूषण/बरबीघा,शेखपुरा
परंपरागत तरीके से होली मनाने की बातें गांव में होते रहती है परंतु कई गांव में परंपरागत होली में कुछ ऐसी परंपरा भी है जो दशकों से चली आ रही है। ऐसी परंपरा में अलग-अलग गांव में अलग-अलग परंपराएं हैं। इसी तरह की एक परंपरा है कि पहले बजरंगबली को गुलाल चढ़ाकर होली खेलने का आमंत्रण दिया जाता है उसके बाद गांव के लोग होली खेलते हैं। यह परंपरा बरबीघा में माउर गांव में है।
रामनवमी से पहले ही यहां बजरंगबली का ध्वजा पूजन हो जाता है। विधिवत पूजा होती है। बजरंगबली को गुलाल चढ़ाया जाता है। वही गुलाल गांव में सभी लोग अपने घर लेकर जाते हैं। उसे पूजा घर में चढ़ाते हैं । उसके बाद गांव में होली खेलने की परंपरा शुरू होती है।
यह परंपरा शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड अंतर्गत माउर गांव में है। इसको लेकर जानकारी देते हुए ग्रामीण सह वार्ड पार्षद प्रसून कुमार भल्ला बताते हैं कि दशकों पुरानी यह परंपरा है। किसी को इस परंपरा के बारे में यह पता नही है कि कब इसकी शुरुआत हुई।
परंतु रंगो का उत्सव शुरू होने से पहले सभी गांव के लोग नए-नए वस्त्र पहनकर बजरंगबली के पास पहुंचते हैं। यहां गांव के द्वारा सामूहिक रूप से ध्वजा पूजन का काम होता है। गांव के लोग परंपरागत होली का यहां गायन करते हैं। ध्वजा पूजन होने के बाद बजरंगबली को गुलाल चढ़ाया जाता है। गुलाल यहां से सभी लोग अपने-अपने घर में लेकर जाते हैं। यही गुलाल अपने पूजा घर में चढ़ाते हैं। उसके बाद रंगो का उत्सव गांव में शुरू होता है । यह परंपरा काफी दिनों से चला आ रहा है।
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