सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा डॉक्टर के ईलाज से इतनी खुश हुई की ऑपरेशन थिएटर में ही गीत गा कर कहा थैंक्यू
मुकेश कुमार, बरबीघा: शेखपुरा
जी हां हम एक ऐसे व्यक्तित्व की चर्चा कर रहे हैं जिसने भारत के अनेक नामचीन हस्तियों एवं पूरे भारत से असफल करार दिए गए कई रोगियों का इलाज करने में सफलता पाई है वह शख्स और कोई नहीं बिहार केसरी की धरती बरबीघा के माउर गांव निवासी डॉ निशिकांत कुमार की है। डॉ निशिकांत कुमार को इंडियन आर्थ्रोप्लास्टी एसोसिएशन द्वारा ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में टॉप 50 national stalwart के रूप में शामिल किया गया है। डॉ निशिकांत कुमार आधुनिक ऑर्थोपेडिक मैनेजमेंट के पूरे स्पेक्ट्रम की ऐसी पेशकश करते हैं जो प्रभावी रोगी के अनुकूल और परिणाम उन्मुख है । संक्षेप में यूं कहें यह सभी ऑर्थोपेडिक बीमारियों के लिए वन स्टॉप उपचार है जो जटिलताओं से बचने, तेजी से जुड़ने या घरवास की अवधि में कमी और सामान्य स्थिति में जल्दी वापसी के साथ अन्य फ्रैक्चर रोगों के विशेषज्ञ के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं।
डॉक्टरों को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध कर दिया
अभी हाल में प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा ने उनसे इलाज करवाया और अभी वह बिल्कुल स्वस्थ है। इलाज के दौरान ही शारदा सिन्हा की खुशी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है कि उन्होंने ऑपरेशन थिएटर में ही अपने लोकगीत के दो लाइन गाकर मौजूद डॉक्टरों को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध कर दिया। और डॉक्टरों को कहना पड़ा थैंक्यू थैंक्यू थैंक्यू।
जानिए डॉ निशिकांत कुमार के बारे में
https://youtu.be/dB1Sh-3yFeQ
डॉ निशिकांत कुमार एक प्रतिष्ठित हड्डी रोग विशेषज्ञ है और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में माहिर है उन्होंने नवीनतम कंप्यूटर नेविगेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके कूल्हे और घुटने के रिप्लेसमेंट में व्यापक विशेषज्ञता हासिल की है। टेक्नोलॉजी के बेहतर प्रत्यारोपण यह सुनिश्चित करती है की हड्डियों के इलाज में संतोषजनक मामले ही मानवीय त्रुटियों को कम करती है । डॉक्टर निशिकांत के पास लगभग 10,000 सफल ज्वाइंट रिप्लेसमेंट केस है। उन्होंने 6 सब्जेक्ट में ऑनर्स/ डिस्टिंक्शन के साथ प्रेस्टीजियस पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पास की है। वह अपने पूरे कार्यकाल में यूनिवर्सिटी टॉपर रहे हैं। फिर उन्होंने एमएस ऑर्थो डिग्री और डीएनबी (ओआरटीएचओ) भी प्राप्त किया इसके बाद वे लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और आर एम एल अस्पताल दिल्ली गए जहां उन्होंने 3 साल तक एक वरिष्ठ रजिस्ट्रार के रूप में काम किया ।
ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के विशेषज्ञ
उन्हें तब प्रतिष्ठित एम्स में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के विशेषज्ञ के रूप में चुना गया उन्होंने टीटीएसएच सिंगापुर से ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में अपनी फेलोशिप की है। फिर वह आगे के ट्रेनिंग के लिए (ICATME) स्पेन चले गए । वह केवल अकेले भारतीय हैं जिन्हें (ESSKA) फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। इसके बाद वह आगे के प्रशिक्षण के लिए ENDOKLINIK हैमबर्ग जर्मनी गए थे। एकस्टर यूके और ऑस्ट्रेलिया में भी प्रशिक्षण प्राप्त है। उनके पास लगभग 50 शोध प्रकाशन है
डॉ निशिकांत वर्तमान में मेडीवर्शल अस्पताल के डायरेक्टर ऑर्थोपेडिक एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के रूप में काम कर रहे हैं
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