जीविका कार्यकर्ताओं ने प्रभारी डीएम का किया अभिनंदन
शेखपुरा।
जीविका परियोजना के तहत ग्रामीण स्तर पर वैसे गरीब एवं समाज से वंचित परिवारों को जोड़ा जाता है जिनका आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति काफी निम्न है।
उन्हें स्वयं सहायता समूह में जोड़ कर समूहों को प्राथमिक स्तरीय संघ अर्थात् ग्राम संगठनों में जोड़ना एवं ग्राम संगठनों को द्वितीय स्तरीय संघ अर्थात् संकुल स्तरीय संघों में जोड़कर उनका सामाजिक एवं आर्थिक विकास करना है।
इसी कड़ी में प्राथमिक एवं द्वितीय स्तरीय संघों को और भी आर्थिक एवं सामाजिक रूप से विकसित करने हेतु संघों को वैधानिक अधिकार प्राप्त होना आवश्यक है ताकि वे स्वावलंबन सहकारी समिति के रूप में कार्य कर सकें एवं सरकार की सभी योजनाओं एवं वित्तीय विभागों का लाभ अपने सदस्यों को अधिक से अधिक उपलब्ध करा सकें।
शेखपुरा जिला के 6 प्रखंडों में कुल 366 ग्राम संगठन एवं 6 संकुल स्तरीय संघों का निर्माण हो चुका है। आगे जितने भी संकुल स्तरीय संघों का निर्माण होगा उन सभी संकुल स्तरीय संघों एवं उनके कार्य क्षेत्र के 12-12 ग्राम संगठनों का निबंधन किया जाना होगा।
मार्च 2018 में शेखपुरा जिले में गठित पहला नारी शक्ति जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ, अंबारी संकुल, शेखोपुर सराय प्रखंड के तहत आज 12 ग्राम संगठनों का सहकारी सहयोग समिति कार्यालय शेखपुरा द्वारा निबंधन किया गया जो जीविका शेखपुरा के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के बढ़ते कदम का सूचक है।
आज दिनांक 5 फरवरी 2019 को इस संदर्भ में एक कार्यक्रम का आयोजन जिला समाहरणालय के श्री कृष्ण सभागार में किया गया जिसमें जिला के उप विकास आयुक्त महोदय श्री निरंजन कुमार झा के कर कमलों द्वारा कुल 12 निबंधित जीविका महिला ग्राम संगठनों की अध्यक्ष दीदियों को निबंधन प्रमाण पत्र भेंट किया गया।
कुल 12 निबंधित ग्राम संगठनों के नाम इस प्रकार हैं: –
सुदर्शन, राखी, एकता, कोमल, उपहार, उन्नति, सहेली, हरियाली, आंचल, चांदनी, आशीर्वाद एवं संस्कार
जीविका के बढ़ते कदम गीत और प्रार्थना के साथ इस कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई।
उसके बाद दीदियों ने उप विकास आयुक्त महोदय का पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर अभिवादन किया।
ग्राम संगठनों के निबंधन की शुभकामनाएं देते हुए श्री निरंजन ने शेखपुरा जिले में जीविका के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि समूह निर्माण और वित्तीय समावेशन का नियमित काम कर महिलाएं आपस में एक प्रेरणा बन कर उभरी है। नियमित कार्यों के अलावा शेखपुरा को दूसरा खुले में शौच मुक्त जिला बनाने में जीविका दीदियों की अहम भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि इन सब के साथ-साथ जीविका दीदियां सभी सामाजिक विकास के कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं चाहे वह शराबबंदी हो या फिर दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाने में बढ़-चढ़कर सहयोग करने की बात हो।
समाज से कुरीतियों के खिलाफ मुहिम चलाकर और रैली निकालकर जागरूक कर रही हैं, शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही हैं एवं आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में उन्हें उनके पैरों पर खड़ा कर रही है।
उन्होंने कहा कि आप लोगों के मेहनत का ही यह नतीजा है कि अब आपलोग जीविकोपार्जन की दिशा में अपना कदम बढ़ा रही हैं। बाजार में अब आपके द्वारा उत्पादित मशरूम, अगरबत्ती, सत्तु इत्यादि सामग्री बिकना शुरू हो गया है आगे इसकी ब्रांडिंग भी की जाएगी तो इसकी डिमांड भी बढ़ेगी। इससे आपकी आमदनी तो बढ़ेगी ही साथ में आप में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
इस प्रकार से स्वावलंबी सहकारी समितियों से निबंधित होने के बाद ग्राम संगठनों को रोजगारोन्मुख व्यवसाय करना होगा ताकि व्यवसाय में मिलने वाले लाभ से आप अपना जीविकोपार्जन अच्छे से चला सकें।
कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती अनीता ने बताया कि शेखपुरा में शेखोपुर सराय जिले का पहला प्रखंड है जहां नारी शक्ति संकुल स्तरीय संघ के 12 ग्राम संगठनों का निबंधन किया गया है। अब जीविका की महिलाएं जीविकोपार्जन की दिशा में कदम उठाकर स्वरोजगार करेंगी।
उन्होंने बताया कि ग्राम संगठनों का “रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है और आगे क्या लाभ होगा” इन सभी मुद्दों पर समय-समय पर सभी सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। उसके बाद कार्य योजना तैयार कर प्रखंड और जिला स्तर के कर्मियों एवं सहकारी समिति कार्यालय के साथ समन्वयन स्थापित कर इस उपलब्धि को हासिल की गई।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जीविका के जिला कार्यालय से निरंजन कुमार, रवि केशरी, पूनम कुमारी, अमोद कुमार, संजीव कुमार एवं शेखोपुर सराय प्रखंड परियोजना प्रबंधक पंकज कुमार धीर के साथ संजीव कुमार एवं अशोक कुमार ने भी अहम भूमिका निभाई।
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