फेसबुक-व्हाट्सएप पे सेक्सी फोटो-वीडियो शेयर करने वाले सावधान! जा सकते हैं जेल
स्पेशल रिपोर्ट
शेखपुरा न्यूज़ ब्यूरो
फेसबुक पर अश्लील अवस्था में लड़कियों की तस्वीर डालकर उसके ऊपर लिख दिया जाता है कि इस तस्वीर को शेयर करने पर लड़की नंगी हो जाएगी। यह एक फेक सिस्टम है और ऐसा करने वाले जेल भी जा सकते हैं। यह साइबर क्राइम का मामला बनता है।
कैसे कैसे हो रहा है साइबर क्राइम
फेसबुक, ट्विटर पर साइबर क्राइम में नौजवान और कम उम्र के बच्चे आसानी से फंस रहे। ऐसे किसी बच्चों को यह भी पता नहीं कि वह क्राइम कर रहे हैं परंतु उनकी गतिविधि आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
दूसरी लड़कियों का फोटो करते हैं अपलोड।
कई नौजवान और किशोर दूसरी लड़कियों को बदनाम करने की नियत से उसका व्हाट्सएप नंबर लिखकर फोटो अपलोड कर देते हैं जिससे उसकी बदनामी होती है। ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है और इसको शेयर करने वाले की भी जेल जाने का प्रावधान है।
अश्लील फोटो वीडियो
फोटो, वीडियो अश्लील हो और उसे व्हाट्सएप फेसबुक पर डालते हैं तो इस पर भी मुकदमा होगा जेल जाने का प्रावधान है।
चाइल्ड पॉर्नोग्राफी
भारत सरकार ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी एक्ट को सख्त करते हुए किसी भी तरह की गतिविधि में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी होने पर सजा के सख्त प्रावधान कर दिए हैं और इस पर निगरानी रखी जा रहे हैं।
इंटरनेट पे जो करते है सब का है रिकॉर्ड
मोबाइल की सारी गतिविधि गूगल अथवा इंटरनेट प्रोवाइडर के पास सुरक्षित रहती है। आप अपने मोबाइल पर पॉर्नोग्राफी देखते हैं अथवा किसी तरह का क्राइम करते हैं साइबर क्राइम के मामले में यह डाटा पुलिस कभी भी उपलब्ध कर सकती है क्योंकि इस तरह का कोई भी गतिविधि गूगल अथवा इंटरनेट प्रोवाइडर अपने सर्वर में सेव रखती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इसको लेकर शेखपुरा सिविल कोर्ट में अधिवक्ता निरंजन कुमार कहते हैं कि आईटी एक्ट की धाराएं काफी सख्त कर दी गई है और इसमें चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के मामले में पोक्सो एक्ट भी लग सकता है। अथवा आईटी एक्ट की धारा 66 में विभिन्न कांडों में सजा का सख्त प्रावधान है।
होगी सख्त सजा
इस मामले में पूछे जाने पर शेखपुरा के पुलिस कप्तान दयाशंकर कहते हैं कि आईटी एक्ट की धाराओं को बहुत व्यापक किया गया है। चाइल्ड पॉर्नोग्राफी यदि किसी के मोबाइल में भी पकड़ी जाती है तो उस पर सख्त सजा का प्रावधान है और किसी भी मैसेज को फॉरवर्ड करने वाले भी उतने ही दोषी हैं जितना उस मैसेज को बनाने वाले। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि दूसरे के फेक आईडी को बनाकर भी यदि किसी को बदनाम किया जाता है तो साइबर क्राइम का मामला आता है।
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