सब मिलकर मारते हैं मछली फिर भूमिहार, यादव, दलित, मुसलमान सभी के लिए लगता है हिस्सा
सब मिलकर मारते हैं मछली फिर भूमिहार, यादव, दलित, मुसलमान सभी के लिए लगता है हिस्सा
बरबीघा
शेखपुरा जिले के बरबीघा के सर्वा में एक ऐसी परंपरा का पालन कई दशक से हो रहा है जिसमें सभी जाति के लोग गांव के अहरा में मछली मिलजुल कर मारते हैं । फिर उस मछली का बंटवारा सभी जाति और धर्म के लोगों के बीच किया जाता है। यहां तक कि गांव में एक घर मात्र मुसलमान है उनके भी हिस्से के लिए मछली निकाल ली जाती है।
हिंदू मुस्लिम दलित घर घर पहुंचती है मछली
गांव में सामूहिक रूप से मछली मारने की यह परंपरा कई दशक से चली आ रही है। इसमें जाति और धर्म का बंधन भी टूट जाता है । इसमें गांव में एकमात्र मुस्लिम परिवार के घर मछली पहुंचाने का काम होता है। वही गांव में दलित परिवार के पासवान रविदास इत्यादि के घरों में भी मछली पहुंचाई जाती है। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है जिसमें जाति धर्म का बंधन नहीं है।
360 बीघे के खेत पटवन को लेकर अहरा है। धीरे-धीरे पानी सूखते हुए गांव के किनारे बांध के पास जमा हो जाता है। यहां से फिर कई दिनों तक मोटर के सहारे पानी को सुखाया गया और फिर सब मिलकर मछली मारने में जुट गए। ग्रामीण युवक अभिजीत ने बताया कि कई सालों से परंपरा चल रही है। इसमें चोरी से मछली मारने पर जुर्माना भी लगाया जाता है और गांव के लोग ऐसा नहीं करते हैं।
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