जल जीवन और हरियाली के बारे में लोगों को सीएम ने किया जागरूक
शेखपुरा
आज टाउन हाॅल शेखपुरा में माननीय मुख्यमंत्री बिहार सरकार का बापू सभागार पटना से सम्बोधन का लाइफ टेलीकाॅस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि 09 अगस्त 2011 से बिहार राज्य पृथ्वी दिवस मना रहें है। जल जीवन और हरियाली के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कार्य योजना बनाने का अपील कियें।
पर्यावरण पर संकट उत्पन्न हो रहा है। इसके पूर्व एक लघु फिल्म वन तथा जल संरक्षण पर दिखाया गया। जलवायु में परिवर्तन होने से वर्षा की मात्रा कम होती जा रही है। आपदा पीड़ितों को लगातार सहायता की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी लोगों को जागरूक करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जल-जीवन हरियाली है तो चारों तरफ खुशहाली है। इसकों लागू करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाने का अपील कियें।
सौर ऊर्जा ही असली ऊर्जा है यह अक्षय ऊर्जा भी है हर घर बिजली लगातार एवं हर घर नल का जल योजना को राज्य के सभी घरों में तेजी से पहुँचाया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन पर हमलोगों को गम्भीरता से सोचना होगा। आज वर्षा कम हो रही है लेकिन वृर्जपात ज्यादा हो रहा है। भू-जल में लगातार गिरावट आ रही है। जल है तो हरियाली है और हरियाली है तो जीवन है। वर्षा जल के संग्रह के लिए तालाब, पोखर, आहर और पइन का जीर्णेद्वार करना होगा। जल संकट के समाधान के लिए सभी लोगों को आगे आना होगा। इसके लिए सबसे पहले सरकारी कार्यालयों में रैन वाटर हार्वेटिंग किया जायेगा। इसको अभियान के साथ कार्य योजना को अंतिम रूप दी जायेगी।
जल तथा बिजली को आवश्यकता के अनुरूप उपयोग करें। बिहार ज्ञान तथा मोक्ष की भूमि है। शुद्ध जल एवं हवा के मिलने पर 90 प्रतिशत बीमारियाॅ नहीं होती है। इस वर्ष राज्य में 1.50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे भी तेजी से पौधे लगायें जाय। इस अभियान के साथ-साथ कार्य योजना भी बनायी जायेगी। बच्चों से प्यार है तो कल के लिए पौधे लगाए। उन्होंने कहा कि जन सेवा ही हमारा धर्म है। कार्यक्रम में माननीय शिक्षा मंत्री, माननीय कृषि मंत्री, माननीय ऊर्जा मंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव ने भी जन जीवन और हरियाली पर सम्बोधन किये।
कार्यक्रम के अंत में सत्य प्रकाश शर्मा, अपर समाहर्ता ने उपस्थित सभी लोगों को संकल्प दिलाए।
1. प्रत्येक वर्ष कम से कम एक पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा एवं देखभाल कर वृक्ष बचाऊॅगा/बचाऊॅगी। 2. अपने आसपास के तालाब, नदी, पोखर एवं अन्य जल स्श्रोतों को प्रदूषित नहीं करूॅगा/करूॅगी 3. आवश्यकता से अधिक जल का उपयोग नहीं करूॅगा/करूॅगी एवं इस्तेमाल के बाद नल को बंद करूॅगा/करूॅगी 04 अपने घर, विद्यालय, आस-पास पड़ोस में वर्षा के जल संचय हेतु अपने परिवार के सदस्यों को प्रेरित करूॅगा। 5 बिजली का उपयोग आवश्यकतानुसार ही करूॅगा/करूॅगी घर से बाहर निकलते समय बिजली के बल्ब/पंखा को बंद कर दूगा/दूगी। 06 अपने घर विद्यालय एवं आस-पास को स्वच्छ रखते हुये वहाॅ से निकलने वाले कूड़े को कूडेदान में डालूॅगा/डालूॅगी। 07 प्लास्टिक /पाॅलीथीन का उपयेाग बंद कर कपड़े/कागज के थेलों का उपयोग करूॅगा/करूॅगी और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करूॅगा/करूॅगी 08 जीव-जन्तुओं एवं पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम का भाव रखूँगा /रखूँगी। इनके लिए यथा संभव दाना-पानी की व्यवस्था करूॅगा/करूॅगी। 09 नजदीक के कार्य पैदल अथवा साईकिल से करूॅगा /करूॅगी। 10 कागज का अनावश्यक उपयोग नहीं करूॅगा/करूॅगी। एवं अन्य लोगों को भी इस हेतु प्रेरित करूॅगा/करूॅगी। 11 मैं खुले में शौच नहीं कर शौचालय का उपयोग करूॅगा/करूॅगी।
जल-जीवन हरियाली, चारो ओर खुशहाली
टाउन हाॅल के बाहर परिसर में नगर सभापति, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, वरीय कोषागार पदाधिकारी, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, जिला भूसंरक्षण पदाधिकारी, डी॰पी॰एम॰ जीविका के साथ-साथ कई पदाधिकारियों के द्वारा पौधा रोपण कर पर्यावरण संतुलन के लिए उपस्थित लोगों को जागरूक किया गया। इस अवसर पर जीविका दीदियाॅ, स्थानीय जन-प्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी के साथ-साथ स्थानीय लोग उपस्थित थें।
इस खबर को अपनों के बीच यहां से शेयर करें
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!