• Friday, 01 November 2024
रतनगर्भा है अपनी धरती: होईहैं सोई जो राम रचि राखा: को करि तर्क बढ़ावहिं साखा…पढ़िए कुछ खास

रतनगर्भा है अपनी धरती: होईहैं सोई जो राम रचि राखा: को करि तर्क बढ़ावहिं साखा…पढ़िए कुछ खास

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शेखपुरा

शेखपुरा के प्रख्यात चिकित्सक एवं मुंगेर से सिविल सर्जन के बाद सेवानिवृत्त हुए डॉ के पुरुषोत्तम अपने खास अंदाज में लेखनी के लिए चर्चित रहे हैं । मंच पर उनके संबोधन लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं । वही उनके द्वारा डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह के सिविल सर्जन बनने पर फेसबुक के माध्यम से बधाई दी गई है ।बशेखपुरा की धरती को रतनगर्भा बताया गया है। पढ़िए…

होईहैं सोई जो राम रचि राखा: को करि तर्क बढ़ावहिं साखा…

What is lotted, can’t be blotted .
ये सामान्य अनुराग का असीम विस्तार है /किए हुए कुल सुकर्मों की सम्मुच्चयात्मक अभिव्यक्ति / उर्जा के संरक्षण का मूल सिद्धांत / न्यूटन की तीसरी गति के नियम की संकल्पना का साकार स्वरूपात्मक प्रकटीकरण / अथवा आईंसटाईन के सापे़क्षवाद का संश्लेषित संस्करण कि डा०कृष्ण मुरारी प्र० सिंह
आज शेखपुरा के सिविल_सर्जन हो गए … यह एक समझ में आने वाला सुयोग भी है कि प्रकृति पहले से तय कर देती है वह सौभाग्य, जिसे कोई चाह कर भी पलट नहीं सकता... नियति के इसी अवगुंठन में निहाँ तत्व हमें उस करिश्माकारी शक्ति को सोंचने को भी विवश करते हैं - जो गॉड पार्टिक्ल का संयोजन करता है ... या अनंत में बिखरे सृष्टियों की संरचना ... खलाओं में निविष्ट अप्राकृतिक गतिविधियों के दश्त का निर्माण और संचालन ... हम स्वभावत: मूक हैं , उसकी सदाओं (आवाज़ों) से कतिपय बे-परवाह , कि दृश्य अनुभूतियों में ही संलिप्त संचरित रह कर अपने दिव्य जीवन के अमूल्य प्रसाद की इतिश्री समझ , विचारों के व्यामोह से बाहर नहीं निकल पाते , और जो शाश्वत है उसे सोंच भी नहीं पाते/ मेरा अभिप्राय है , प्रकृति / करिश्माई तत्त्व /या परमात्मा की कृपा की अपरिमेय अभिवृष्टि से , जिसने मुरारी_बाबू के मन और मानस , दोनों को सिंचित कर , असीमित परितोष दिया है ... हमारी आँखें पुरनम हैं ,और हृदय आप्लावित

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कृतज्ञता के सैलाब से, कि कैसे कैसे खेल दिखाता है ये आसमाँ … दिनकर के शब्दों में :
समझे कौन रहस्य प्रकृति का
बड़ा अनोखा हाल…
गुदड़ी में चुन चुन कर रखती
बड़े अनोखे लाल …

डा० सुरेश बाबू (माहुरी-टोला ) ,डा० महेश प्रसाद , डा०सुबोध बाबू , डा० मृगेंद्र बाबू , डा० अशोक बाबू , डा० अरविंद बाबू , के बाद अपने प्रिय अनुज डा० के एम पी सिंह … सिविल सर्जन की कुर्सी सुशोभित करते हैं !
धन्यवाद प्रभु !!

रत्नगर्भाहैशेखपुरा …

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