यहां भीषण जल संकट है। डीएम इनायत खान जुटी है समस्या के समाधान में
शेखपुरा
इनायत खान जिलाधिकारी, शेखपुरा के अध्यक्षता में समाहरणालय के मंथन सभाकक्ष में जल संकट और निवारण से संबंधित एक कार्यशाला आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में जिले के सभी मुखिया/प्रतिनिधि के साथ-साथ जिला स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित थें। जिलाधिकारी ने सभी पंचायतों के मुखिया/प्रतिनिधियों से संबंधित पंचायतों के बारे में जल संकट और निवारण के संबंध में फिडबैक प्राप्त किये। पंचायत के मुखिया/प्रतिनिधियों ने बताया कि भूमिगत जल का स्तर विभिन्न पंचायतों में अलग-अलग है चोरवर पंचायत में 120 फीट वरूणा पंचायत में 70-80 फीट एवं पचना में 65 फीट है। जल का स्तर लगातार घटता जा रहा है।
बड़े पैमाने पर जल के दोहन करने से एवं पानी के दुरूपयोग करने से लगातार पानी का संकट बड़ता जा रहा है। जल संकट से बचने के लिए जल की बर्बादी को रोकना होगा। फसल को आवश्यकता के अनुरूप कम से कम सिंचाई करना होगा। आहर, पइन, तालाब, नदी, नाला आदि को जीर्णोंद्धार करना होगा।
जिलाधिकारी ने जिले के सभी जल श्रोतों को आंकलन करने के लिए एक विशेष समिति का गठन कियें है। सभी तालाबों को जीवंत करना होगा। पानी को गम्भीरता से लेना होगा क्योंकि जल ही जीवन है। जन-प्रतिनिधियों को जल के महत्व के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया उन्हें जागरूक किया गया कि वे भी अपने स्तर से पंचायत के आम जनता को जल के महत्व के बारे में बतायें। अनावश्यक जल को न बहावें, जल के बिना जीवन संभव नहीं है। जल संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। भूमिगत जल को रिचार्ज करना होगा।
व्यवहार में परिवर्तन लाकर जल की बर्बादी को रोकना है। जल संकट से निवारण पाना है इसके लिए हम सभी को दो-दो कदम आगे बढ़ना होगा। अपने विवेक से जल का कम से कम उपयोग करें जल के बिना श्रृष्टि का असितत्व नहीं रहेगा। अभी जल संकट की शुरूआत है। भविष्य में और बड़ा संकट उत्पन्न होगा। इसके लिए हम सभी की भागीदारी जरूरी है। पानी के लीकेज ठीक करना होगा। हम सभी का कर्तव्य है कि जल संकट के निवारण में आगे आयें और जल का संरक्षण करें। नल जल को खुला न रखें एवं पानी का दुरूपयोग से बचें।
सभी सरकारी भवनों में वाटर रिचार्ज के लिए कदम उठायें जा रहें है। जल के महत्व को सभी जिलेवासियों को बताना होगा। जिलाधिकारी ने आदेश के आलोक में बुधवार को 24 जुलाई को जिले के सभी 54 पंचायतों में जन-प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ जल संरक्षण पर एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है। सभी पंचायत प्रतिनिधियों से जल संकट और उसके निवारण पर फिडबैक प्राप्त किया जायेगा। और भविष्य में उसके अनुरूप कार्य किया जायेगा। चापाकल में अबैध मोटर लगाकर पानी निकालने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आगे भी ऐसा करने पर कार्रवाई निश्चित है। सभी पंचायतों में पानी शोखता का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जायेगा। पर्यावरण संतुलन एवं जल संकट से निवारण के लिए जिला में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने की योजना है। जिले के 25 वें स्थापना दिवस 31 जुलाई 2019 को सभी कार्यालयों में 25-25 पेड़ लगाने का निर्देश दिया गया है। इस अवसर पर वन विभाग के द्वारा निःशुल्क पौधे का वितरण किया जायेंगा।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि जिले में अभी 170 तालाब है जिसमें अभी 22 में पानी है। जिले में कुल 14 सौ तालाब का निर्माण किया जाना है।
कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि जिले में 177 नलकूपों का हस्तांतरण पंचायत के मुखिया को कर दिया गया है। 44 नलकूप के जीर्णोद्धार के लिए संबंधित मुखिया को राशि उपलब्ध करा दी गई है। पी॰ एच॰ ई॰ डी॰ के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है कि जिन प्रतिनिधियों ने जल संकट के संबंध में शिकायत दर्ज करायें है उसकों 24 घंटे के अंदर जाॅच करें और एक सप्ताह के अंदर समस्याओं का निष्पादन करना सुनिश्चित करें। कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद् शेखपुरा ने बताया कि पानी की बर्बादी को रोकने के लिए क्यू॰आर॰टी॰ का गठन किया गया है। नये नक्शा पास करने के पहले पानी शोकता बनाना अनिवार्य होगा।
आज के कार्यशाला में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला गोपनीय प्रभारी, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, वरीय कोषागार पदाधिकारी, मुखिया/प्रतिनिधि के साथ-साथ जिला स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित थें।
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