इस गांव के यज्ञ में अनुसूचित जाति को सटने नहीं देने का फरमान
इस गांव के यज्ञ में अनुसूचित जाति को सटने नहीं देने का फरमान
बरबीघा
शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड अंतर्गत मालदह पंचायत के फेदाली बीघा गांव में पंचायत बुलाकर एक फरमान सुना दिया। इस फरमान में गांव में 22 तारीख को होने वाले यज्ञ में गांव के अनुसूचित जाति के लोगों को नहीं सटने देने का फरमान सुनाया गया है। गांव वालों में इससे काफी नाराजगी है । गांव वालों के पंचायत बुलाकर इस तरह का फरमान सुनाए जाने से अनुसूचित जाति लोगों में काफी आक्रोश है। कई सामाजिक और राजनीतिक दलों के लोगों के द्वारा भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही है और इसे समाज को बांटने वाला बताया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला क्या सुनाया गया है फरमान
दरअसल यह पूरा मामला गांव में 22 नवंबर को होने वाले यज्ञ को लेकर है। यज्ञ की तैयारी को लेकर पहले पूरे गांव के लोगों को एक जगह बैठक बुलाकर राय किया गया। इसमें सभी जाति के लोग शामिल हुए।। पंचायत में बैठक बुलाकर जब यज्ञ करने का निर्णय लिया गया तो कई गांव में जा जाकर चंदा किया गया। इसमें सभी जाति के लोग चंदा करने में गए। अनुसूचित जाति के लोग भी इसमें शामिल थे। परंतु इसमें तब नया मोड़ आ गया जब फिर से एक बैठक बुलाई गई । पंचायत बुलाया गया और अनुसूचित जाति लोगों को इसमें शामिल नहीं होने देने का फरमान सुना दिया गया।
आज के जमाने में भी हो रहा है छुआछूत
इसको लेकर पंचायत में भाग लेने वाले गांव के ही उमेश रविदास ने बताया कि गांव के मंदिर में गांव वालों ने बैठक बुलाई थी। जिसमें अनुसूचित जाति के लोगों को कलश यात्रा में शामिल नहीं होने का फरमान सुनाया गया । मैंने इसका विरोध भी किया परंतु कुछ लोगों ने कहा कि यह होकर रहेगा । वही गांव के ही अरुण रविदास ने बताया कि गांव के व्हाट्सएप ग्रुप में एक पर्चा को वायरल कर अनुसूचित जाति के लोगों को वंचित कर दिया गया है । हम लोग इससे काफी दुखी हैं। फरमान सुनाया गया है कि हम लोग इसमें शामिल नहीं हो सकते । जबकि चंदा करने में हम लोगों की भी भागीदारी रही है। वहीं गांव की महिलाओं ने बताया कि चंदा करने में हम लोगों का सहयोग लिया गया अब छुआछूत के वजह से हम लोगों को यज्ञ में नहीं जाने का फरमान सुनाया गया है । उधर इस पूरे मामले में प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी अपना रुख बताया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी भरत कुमार शर्मा ने बताया कि इस तरह का भेदभाव करना ठीक बात नहीं है। लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी।
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