बड़े-बड़े होटलों, चिमनी भट्ठा पर में काम करते हैं बाल मजदूर, छापामार दस्तों ने पकड़ा
बड़े-बड़े होटलों में काम करते हैं बाल मजदूर, छापामार दस्तों ने पकड़ा
शेखपुरा
बड़े-बड़े होटलों में बाल मजदूरी आम बात है। छोटे चाय की दुकान से लेकर बड़े-बड़े रेस्टोरेंट और होटलों में बाल मजदूरी करते बच्चों को देखा जाता है । ऐसे में जब शेखपुरा जिला श्रम विभाग के द्वारा छापामार दस्ता निकला तो दो बाल मजदूरों को पकड़ा गया और उसे मुक्त भी करा लिया गया।
एक बाल मजदूर शेखपुरा नगर परिषद के सदर अस्पताल के सामने खांडपर मोहल्ला निवासी जायका स्वीट्स एवं स्नैक्स कॉर्नर में काम कर रहा था। जानकारी देते हुए जिला श्रम पदाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि एक बाल मजदूर जहानाबाद जिला के कल्पा थाना अंतर्गत धनहर बीघा गांव निवासी है। इसको मुक्त कराया गया। साथ ही साथ रेलवे क्रॉसिंग दल्लू चौक के निकट संचालित मानव मिष्ठान भंडार एवं भोजनालय से बेलछी गांव निवासी एक बाल मजदूर को भी मुक्त करा लिया गया।
दोनों होटल संचालकों के विरुद्ध सदर थाना शेखपुरा में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। वही मुक्त कराए गए बाल मजदूर को प्रधानमंत्री सहायता योजना से ₹25000-₹25000 का अनुदान भी देने की घोषणा उन्होंने की।
सर्वाधिक बाल मजदूरों को चिमनी भट्ठा पर काम करते हुए देखा जाता है।
बता दें कि जिले में बाल मजदूरी आम बात है। सर्वाधिक बाल मजदूरों को चिमनी भट्ठा पर काम करते हुए देखा जाता है। चिमनी भट्ठा के ईट को लोड करने और उसे उतारने के खतरनाक काम में केवल बाल मजदूर ही लगे रहते हैं और जिले के सभी चिमनी भट्ठा के द्वारा यही काम कराया जाता है । शेखपुरा नगर मुख्यालय से लेकर विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों में सुबह-सुबह ऐसे बाल मजदूरों को चिमनी के ट्रैक्टर से इंट को उतारते हुए आम तौर पर देखा जाता है।
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