मुख्यमंत्री ने 501 एम्बुलेन्स को दिखाई हरी झंडी, 20 मिनट में मरीजों तक एम्बुलेंस
मुख्यमंत्री ने 501 एम्बुलेन्स को दिखाई हरी झंडी
पटना।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 501 नए एम्बुलेन्सों को राज्य के विभिन्न जिलों के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी उपस्थित थे। स्वास्थ्य मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की इस पहल से रेफरल परिवहन को काफी मजबूती मिलेगी ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घर—घर तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाने का सपना साकार करने की कड़ी को आगे बढ़ाएगा। श्री पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने 102 सेवा के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण हेतु कुल 1000 एम्बुलेन्स को बेड़े में शामिल करने का निर्णय किया है, इसमें 534 उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स) एवं 466 बुनियादी जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (बेसिक लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स) शामिल हैं। एक साथ एक हजार एंबुलेंस को बेडे में शामिल करना बिहार के लिए देश में अब तक का एक कीर्तिमान है। इस परियोजना के लागू होने के बाद बिहार देश का वह पहला राज्य होगा, जिसने प्रत्येक प्रखण्ड में उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (एएलएसए) उपलब्ध कराने का महती निर्णय लिया है।
कहा कि इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में 35 मिनट के अंदर एवं शहरी क्षेत्रों में 20 मिनट के अंतराल में मरीजों तक एम्बुलेंस पहुंच सकेगा। सरकार की यह योजना सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती माताओं, बीमार शिशुओं, गंभीर रूप से बीमार मरीजों एवं दुर्घटनाग्रस्त मरीजों की जीवन रक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें उच्चतर ईलाज की सुविधा वाले अस्पतालों में ले जाने में मददगार साबित होगा। शामिल किए जाने वाले 1000 एम्बुलेन्सों में से अभी 501 (275 उन्नत लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स और 226 बुनियादी लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स) की आपूर्ति की जा चुकी है।
जनहित में इन 501 एम्बुलेन्सों को जिलों में भेजे जाने के लिए आज हरी झंडी दिखा दी गयी। शेष 499 एम्बुलेंस 31 अगस्त तक जिलों में भेज दिए जाएंगे। बुनियादी जीवन रक्षक एम्बुलेन्स वैसे ऑक्सीजनयुक्त एम्बुलेन्स होते हैं, जिनका उपयोग सामान्य रोगियों के परिवहन में किया जाता है। जबकि उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स वैसे एम्बुलेन्स होते हैं, जो गंभीर रूप से बीमार रोगियों, जैसे हृदयाघात, ब्रेन हेमरेज एवं गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के परिवहन हेतु उपयोग में लाए जाते हैं। उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स में ऑक्सीजन सुविधा के साथ साथ वेंटीलेटर, डिफिब्रीलेटर सह कार्डियक मॉनिटर, सेंट्रल वेन कैथेटर्स आदि की सुविधा उपलब्ध होती है। इस प्रकार एक उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स चलंत गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू की तरह काम करता है।
वर्तमान में 102 एम्बुलेन्स सेवा के तहत कुल 1107 एम्बुलेंस राज्य के विभिन्न जिलों में परिचालित हैं। इसमें 1022 बुनियादी जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (बेसिक लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स) एवं 85 उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स) शामिल हैं। भारतीय लोक स्वास्थ्य मानक (इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड) के अनुसार एक लाख की आबादी पर एक बुनियादी जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (बीएलएसए) एवं पांच लाख की आबादी पर एक उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (एएलएसए) का प्रावधान है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोविड आपातकालीन अनुक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज 2 के तहत 1 हजार एम्बुलेंसों को 102 एम्बुलेंस सेवा के बेड़े में शामिल करने एवं इस पूरी परियोजना के लागू होने के बाद राज्य के 86 हजार की आबादी पर एक बुनियादी जीवन रक्षक एम्बुलेन्स तथा 2 लाख 17 हजार की आबादी पर एक उन्नत जीवन रक्षक एम्बुलेन्स (एएलएसए) उपलब्ध होंगे, जो भारतीय लोक स्वास्थ्य मानक (इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड) से काफी बेहतर है।
- Patna से वरीय संवाददाता संजय पांडे की रिपोर्ट
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