• Friday, 01 November 2024
अफसरशाही: बुलडोजर का शौकीन हो गए हैं बिहार के ऑफिसर बाबू….!!

अफसरशाही: बुलडोजर का शौकीन हो गए हैं बिहार के ऑफिसर बाबू….!!

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अफसरशाही: बुलडोजर का शौकीन हो गए हैं बिहार के ऑफिसर बाबू

बरबीघा, शेखपुरा

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बुलडोजर ने अपना रंग दिखाया। यूपी में अपराधियों के घर पर बुलडोजर के कहर से इसकी शुरुआत हुई और धीरे-धीरे बिहार में भी बुलडोजर अपना रंग दिखाने लगा है। अब अधिकारियों के बीच बुलडोजर एक फैशन की तरह बन गया है और उसका इस्तेमाल अधिकारी जहां-तहां करने लगे हैं।

बिहार में अब बुलडोजर अपना रंग दिखाने लगा है। अधिकारी बुलडोजर को लेकर सड़कों पर निकलने लगे हैं और सड़कों पर हड़कंप की स्थिति होती है। बुलडोजर लेकर निकलने वाले अधिकारियों का शगल ही अब बुलडोजर बन गया है।

इसी कड़ी में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल होने लगा है। इस वजह से बुलडोजर के प्रयोग से दुकानदारों का भारी नुकसान हो जा रहा है। शुक्रवार को शेखपुरा जिले के बरबीघा नगर परिषद में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का प्रयोग किया गया। बुलडोजर के इस प्रयोग से दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ। दुकानदारों के दुकान के आगे करकट इत्यादि को बुलडोजर से छतिग्रस्त कर अतिक्रमण हटाया गया। बुलडोजर के प्रयोग से सड़क के किनारे बने अवैध निर्माण को भी तोड़ा गया। हालांकि नगर परिषद के द्वारा कई बार चेतावनी जारी की गई थी कि अतिक्रमण को हटाया जाएगा और इसी अतिक्रमण को हटाने को लेकर बुलडोजर का प्रयोग किया जाने लगा है ।

बाजार में अक्सर चलने लगा है बुलडोजर

शेखपुरा नगर परिषद में भी पिछले पखवाड़े दो-तीन दिनों तक बुलडोजर का प्रयोग होता रहा। बुलडोजर के प्रयोग से फुटपाथ पर दुकान सजाने वाले अथवा फुटपाथ पर अतिक्रमण कर दुकान बढ़ा लेने वालों में हड़कंप की स्थिति है। बाजार के अवैध निर्माण को तोड़ा जा रहा है। दुकान के आगे लगे करकट को तोड़ा जा रहा है। हालांकि पहले मानव बल का प्रयोग किया जाता था। जिसके वजह से सामान की क्षति नहीं होती थी। अतिक्रमणकारियों पर बुलडोजर के इस प्रयोग को प्रशासनिक महकमे के द्वारा उचित ठहराया जा रहा है। जबकि फुटपाथ दुकानदारों के नुकसान को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं में इसे अफसोस जनक बताया जा रहा है। बुलडोजर के प्रयोग को लेकर समाजवादी नेता एवं नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष शिव कुमार कहते हैं कि आम आदमी के दर्द को समझने के लिए प्रशासनिक महकमा तैयार नहीं है। मुखेर कानून का युग है। जो बोलते हैं वही कानून हो जाता है। अफसरशाही हावी है ।

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अफसर आम आदमी को कुछ नहीं समझ रहे हैं। अतिक्रमण को लेकर कानूनी प्रावधानों के अनुसार काम किया जाना चाहिए । पहले अतिक्रमण लगाने की पूरी तरह छूट दी जाती है। आम लोग उसमें परेशान हो जाते हैं फिर अचानक से बुलडोजर लेकर सड़कों पर निकल कर अफशरशाही ही दिखाई जाती है। इसे अफसरों को बचने की जरूरत है। लोगों को परेशानी हो रही है। अति परेशानी होने पर जनता सड़कों पर भी उतर सकती हैं।

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