बाल-मजदूरी मुक्त घोषित होगा जिला- डीडीसी
शेखपुरा
सत्येंद्र कुमार सिंह उप विकास आयुक्त के अध्यक्षता में आज समाहरणालय के मंथन सभागार में आकांक्षी जिला के तहत किये गये कार्यों की समीक्षात्मक बैठक हुई। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण में विगत महीने किये गये कार्यों के प्रगति की समीक्षा की गई। बच्चों को गुणात्मक शिक्षा एवं संतुलित आहार देने के लिए ए रहमान यूनिसेफ प्रमुख ने कई निर्देश दियें।
प्रत्येक माह में प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों का वजन और लम्बाई लेना आवश्यक है। इससे बच्चें के पोषण/कुपोषण के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि 45 प्रतिशत बच्चों में अपेक्षाकृत बच्चों में वजन कम पाया गया है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए पोषण दिवस मनाया जाता है जिसमें मुख्य फोक्स बच्चा, गर्भवती एवं मातृ-धातृ महिलाओं पर रहा।
एनीमियाॅ से बचने के लिए पोषण एवं जागरूकता पर जोर दिया गया। जिले में अंकुरण योजना के तहत 143 विद्यालयों में किचेन गार्डेन बनाया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं का वजन औसत 10 से 12 किलोग्राम बढ़ना जरूरी है। एन॰आर॰सी॰ में जिले के कुपोषित बच्चों को अवश्य भर्ती किया जाय। बेहतर ईलाज से एक सप्ताह के अंदर कुपोषण दूर हो जाता है। डीपीएम जीविका को निर्देश दिया गया है कि संतुलित आहार के लिए अपने स्तर से महिलाओं को जागरूक करें।
जिला को बाल-विवाह से मुक्त करने के लिए कई निर्देश दिये गये जिला एवं प्रखंड स्तर पर इसके लिए निगरानी समितियों का गठन किया गया है। लेकिन पंचायत स्तर पर इसका गठन नहीं हो सका है।
48 प्रतिशत बाल-विवाह हो रहा है।
बैठक में बताया गया कि शेखपुरा जिला में 48 प्रतिशत बाल-विवाह हो रहा है। जिसको छः माह के अंदर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारण किया गया है। बिहार काॅर्नर पोर्टर डाॅट काॅम बेवसाइट बनाया गया है। जिसमें वर्ग 09 से 12 तक के विद्यार्थियों को 460 प्रकार के कैरियर की जानकारी दी जा रही है। इसके तहत 6400 काॅलेज को संयुक्त किया गया है एवं 1049 भोकेसनल कोर्स संचालित किया जा रहा है। इसके तहत 955 प्रकार की छात्रवृति प्रदान की जा रही है।
बाल-मजदूरी मुक्त घोषित
उप विकास आयुक्त ने बताया कि जिले को बाल-मजदूरी मुक्त घोषित करने के लिए संबंधित अधिकारी लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें। बच्चों को सुरक्षा देना हमलोगों की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने के उपरांत भी कुछ लोग बाहर शौच कर रहें है। ऐसे व्यक्ति को चिन्हित कर शौचालय के उपयोगिता के बारे में जानकारी सुलभ कराने का निर्देश दिया गया है। जिनके पास शौचालय नहीं है वे ग्रामसभा से पारित कर बना लें सरकार के द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन राशि उनके खाता में डाल दी जायेगी। बैठक में पावर प्रजेटेशन के माध्यम से यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया।
सत्येंद्र त्रिपाठी अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, प्रशांत शेखर उप निर्वाचन पदाधिकारी, सत्येंद्र प्रसाद जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, निर्मल कुमार डीपीएम, राकेश कुमार जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, नंद किशोर राम जिला शिक्षा पदाधिकारी, अनिशा डीपीएम जीविका, विजय कुमार जिला योजना पदाधिकारी, पीरामल के प्रतिनिधि राजू, विशाल, के साथ -साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित थें।
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