GOOD NEWS : काला चावल क्या है, क्यों बिकता है 500 किलो, खेती करने में जुट गए हैं
बरबीघा
शेखपुरा जिले के बरबीघा में कई किसानों के द्वारा ब्लैक राइस की खेती की जा रही है। इसको लेकर धान लगाने का काम किया गया है इससे क्षेत्र के किसानों में ब्लैक राइस की खेती के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
ब्लैक राइस की खेती करने को लेकर मंगलवार को बरबीघा प्रखंड के काशीबीघा गांव में प्रगतिशील किसान विनोद सिंह के द्वारा धान की रोपनी कराई गई। इससे पूर्व माउर निवासी शांतिभूषण के द्वारा यह लगाया गया है।
इस अवसर पर कृषि विभाग से जुड़े कर्मचारी विकास कुमार, दीपक कुमार भी उपस्थित रहे। मौके पर विनोद कुमार ने कहा कि ब्लैक राइस की खेती किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है। इसीलिए इस धान की रोपाई का काम श्री विधि से किया गया है ताकि अधिक उपज प्राप्त हो सके। बता दें कि ब्लैक राइस की बिक्री ₹200 प्रति किलो खुले बाजार में की जाती है जबकि ऑनलाइन मार्केटिंग करने वालों के द्वारा 300 से ₹500 प्रति किलो इसकी बिक्री होती है। इसकी खेती करने से किसानों को काफी फायदा हो सकता है।
क्या लेकर आए का मामला
जानकार शांति भूषण बताते हैं कि ब्लैक राइस बहुत ही उपयोगी और फायदेमंद है। इसकी खेती की शुरुआत चाइना से की गई और यह भारत के सभी राज्यों में लगाया जाने लगा है। उन्होंने बताया कि इसकी खेती करने से किसान को तो फायदा होगा ही साथ ही साथ कई तरह की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए भी फायदेमंद है। इससे कैंसर, अल्जाइमर, मधुमेह, इत्यादि बीमारियों को ठीक करने में और बचने में मदद मिलती है। बताया कि इसमें फाइबर की मात्रा भी सर्वाधिक होती है और विशेषज्ञों के द्वारा इसके उपयोग पर बल दिया जाता है।
मोटापा कम करने का गुण
बताया जाता है कि इस धान से निकले चावल में विटामिन बी, ई के अलावा कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन तथा जिंक आदि प्रचुर मात्रा में मिलता है। ये तत्व मानव शरीर मे एंटी ऑक्सीडेंट का काम करते है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह चावल कैंसर एवं मधुमेह रोग में उपयोगी माना जाता है। इसके सेवन से रक्त शुद्धीकरण भी होता है। साथ ही इस चावल के सेवन से चर्बी कम करने तथा पाचन शक्ति बढ़ने की बात कही जा रही है।
इस खबर को अपनों के बीच यहां से शेयर करें
Tags
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!