बिहार सरकार का फरमान, कहीं ले ना ले बुजुर्गों की जान
बिहार सरकार का फरमान, कहीं ले ना ले बुजुर्गों की जान
News Desk
एक तरफ कड़ाके की ठंड और शीतलहर से लोग परेशान हैं। घरों में दुबक कर रह रहे हैं। दिन भर धूप नहीं निकल रही है । सुबह में दौड़ते दौड़ते जवान आदमी की जान चली जा रही है। बिहार पुलिस की तैयारी करने वाले एक युवक मौत का मामला अभी शेखोपुर सराय के बीरपुर गांव में सामने आया। ऐसे में एक सरकारी फरमान बूढ़े को परेशान कर रहा है।
इस फरमान में पेंशन लेने के लिए एक 31 जनवरी तक हर हाल में जिंदा रहने का प्रमाण देना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनको मिलने वाला पेंशन बंद कर दिया जाएगा। इस फरमान के वजह से कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों पर विपरीत असर भी पड़ेगा और उनके जान के साथ खिलवाड़ भी होगा।
क्या है पूरा मामला कैसा है फरमान
दरअसल ये पूरा मामला सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत बुजुर्गों को मिलने वाले पेंशन से जुड़ा हुआ है । सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि प्राप्त करने वाले बुजुर्गों को ₹400 प्रति माह पेंशन की राशि सरकार के द्वारा उनके खातों में डीवीटी के माध्यम से सीधा चला जाता है। ऐसे में इस राशि को किसी मृत बुजुर्ग के पेंशन खाते में नहीं भेजा जाए यह निर्देश सरकार से प्राप्त हुआ है। इसके लिए जीवन का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होता है। हर साल जीवित होने का प्रमाण पत्र देने के लिए अंगूठे का निशान, आंख की पहचान इत्यादि कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर बुजुर्गों को देना होगा । इसके लिए काफी परेशानी बुजुर्गों को उठानी पड़ती है। कुछ पहले ही ऐसा करवा चुके हैं परंतु जिनके द्वारा यह नहीं करवाया गया है उनके लिए आखिरी मौका 31 जनवरी तक दी गई है ।
इस फरमान के बाद इस कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों के जान पर आफत आ सकती है। परंतु सरकारी महकमे के इस फरमान से बुजुर्ग ₹400 पेंशन लेने के लिए कड़ाके की ठंड में घर से भी निकलेंगे और खतरा भी मूल लेंगे परंतु सरकारी बाबू को इससे कोई असर नहीं पड़ता है।
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