• Friday, 01 November 2024
भूकंप रोधी मकान बनाने के लिए जनता को जागरूक करें- D M योगेंद्र सिंह

भूकंप रोधी मकान बनाने के लिए जनता को जागरूक करें- D M योगेंद्र सिंह

DSKSITI - Small

शेखपुरा।

जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह शेखपुरा-सह- अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन के अध्यक्षता में आज समाहरणालय के श्रीकृष्ण सभागार में आपदारोधी भवन निर्माण की प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा कि आपदा कभी भी किसी जगह आ सकती है। आपदा की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। भूकंपरोधी मकान बनाकर आपदा की समस्याओं से निपटा जा सकता है। इसके लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन से भूकंपरोधी मकान बनाने के लिए प्रशिक्षण जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अभियंता आदि को दिया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिला के अनुभवी राजमिस्त्रियों को प्रखंड स्तर पर 01 फरवरी से 07 फरवरी तक विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षित राज मिस्त्रियों के द्वारा भूकंपरोधी मकान बनाने पर आपदा से काफी हद तक निपटा जा सकता है। जनप्रतिनिधियों को भी प्रशिक्षण देने पर बल दिया गया। जनता से ताल्लुकात रखने वाले सभी पदाधिकारियों को भी आज प्रशिक्षित किया गया।

शशि भूषण त्रिवारी विशेष कार्य

आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण की सारी व्यवस्था जिला प्रशासन के द्वारा की जायेगी। प्रत्येक प्रखंड में चयनित 30 अनुभवी राजमिस्त्रियों को 07 दिनों का विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस अवधि में उन्हें 07 सौ रूपये प्रति दिन प्रति राजमिस्त्री को दिया जायेगा।

इसके अलावे खाना, पीना, चाय, आवासन आदि निःशुल्क दिया जायेगा। प्रशिक्षण के अंत में सभी चयनित राजमिस्त्रियों को परीक्षा ली जायेगी, प्रशिक्षण के अंत में प्रमाण पत्र 49 सौ रूपये का चेक आदि राजमिस्त्रियों को प्रदान किये जायेंगे। इसके लिए आपदा प्रबंधन बिहार सरकार से आवंटन की प्राप्ति जिला आपदा विभाग को कर दिया गया है।

वरूण कांत मिश्रा वरीय सलाहकार तकनीकी ने बताया कि भूकंप आने से कोई व्यक्ति नहीं मरता है बल्कि कमजोर घरों के गिरने से दबकर मरते है। भूकंपरोधी मकान बनाने पर इस आपदा से मुक्ति मिलेगी। इसे जन-धन की हानी नहीं होगी।

भूकंप से बचने का आदर्श वाक्य है

-झुको,रूको, पकड़ो। आपदा के कुप्रभाव से बचने के लिए आज प्रशिक्षण में कई उपायों बतायें गये। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के द्वारा 20 हजार राजमिस्त्रियोें को प्रशिक्षण करने का लक्ष्य है।

DSKSITI - Large

2011 के सर्वें में बताया गया है कि 99 प्रतिशत से अधिक घर पारम्परिक ढॅं़ग से बनाया जाता है जो भूकंपरोधी नहीं होता है, इसके लिए अधिकारियों को भी संवेदनशील होना पड़ेगा। भूकंपरोधी मकान बनाने में बजट में कोई परिवर्तन नहीं होता है। उन्होंने कहा कि ईंट को 06 घंटे पानी में फुलाने के बाद ही दिवाल बनाना चाहिए। मशाला निर्माण के बाद 01 घंटे के अंदर उपयोग करना चाहिए। सिमेंट के बोरी पर एक्सपायरी डेट देखकर ही लेना चाहिए।

फैक्टरी में सिमेंट उत्पादन के 02 माह के अंदर उसका उपयोग भवन निर्माण में किया जाना चाहिए। दिवालों एवं पिलर में छड़ जोड़ने की आधुनिक तकनीकी के बारे में बताया गया। चक्रवाती तुफान से मकान को बचाने के लिए आज विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

अबतक यह प्रशिक्षण बिहार राज्य के 125 प्रखंडों में दिया गया है। समाज में आपदारोधी भवन निर्माण की तकनीकी की जानकारी के आभाव में लोग सर्वाधिक प्रभावित होते है। इसके लिए जिला के करीब 100 अभियंताओं को 02 बैच में विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा।सिमेंट की गुणवत्ता जाॅच करने के लिए कई उपाय बतायेें गये।सिमेंट को बायरोधी मकान में रखना चाहिए।

आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज संजय कुमार डीसीएलआर, सत्येंद्र प्रसाद जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, डाॅ॰ अरबिंद कुमार, सहायक सिविल सर्जन, जिला योजना पदाधिकारी कार्यपालक अभियंता भवन जिला श्रम अधीक्षक के साथ-साथ सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थे।

new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Comment / Reply From