बरबीघा नगर परिषद सभापति: पद एक, जीतने वाले अनेक
बरबीघा नगर परिषद सभापति: पद एक, जीतने वाले अनेक
बरबीघा
बरबीघा नगर परिषद के सभापति के चुनाव को लेकर पिछले कुछ महीने से ही गहमागहमी शुरू हो गई है गहमागहमी का यह आलम सोशल मीडिया पर खूब देखे जा रहे हैं। सभी प्रत्याशियों के द्वारा सोशल मीडिया पर अपने-अपने दावे प्रस्तुत कर दिए गए हैं और सभी की दावेदारी में जीत की दावेदारी ही है।
इसी सभापति के प्रत्याशी के गहमागहमी के बीच पिछले दिनों होली मिलन समारोह के माध्यम से भी अपनी अपनी दावेदारी प्रस्तुत करते हुए अपनी ताकत भी प्रदर्शित प्रत्याशियों के द्वारा की गई। उधर बरबीघा नगर परिषद के सभापति और अध्यक्ष की कुर्सी पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 15 सालों तक वर्चस्व रखने वाले त्रिशूल धारी सिंह और उनके पुत्र रोशन कुमार की सक्रियता भी सोशल मीडिया से के साथ-साथ अब धरों तक भी दिखने लगे हैं। इतने सालों तक कभी अपनी उपस्थिति इस रूप में नहीं दिखाने वाले रोशन कुमार ने घर-घर अपनी तस्वीर का कैलेंडर भी बटवा दिया।
वही खेमे बंदी, गोलबंदी, तोड़ जोर, साम-दाम-दंड-भेद सारी रणनीति में मास्टर रहे रोशन कुमार नगर परिषद के सभापति की कुर्सी की कवायद में रात दिन जुटे हुए। वही रोशन कुमार के साथ साथ बरबीघा नगर परिषद सभापति की कुर्सी की कवायद में हम पार्टी के नेता एवं बरबीघा के गंज पर मोहल्ला निवासी चंद्रभूषण कुशवाहा भी जोड़-तोड़ और उकसाने की राजनीति में जुट गए हैं। उनके द्वारा अगड़े पिछड़े की राजनीति को हवा देकर अपनी दावेदारी मजबूत की जा रही है।
जबकि पिछले एक दशक से राजनीति में सक्रिय रहे बरबीघा के शेरपर गांव निवासी संतोष कुमार शंकू होली मिलन समारोह में गुंजन सिंह जैसे मशहूर भोजपुरी गायक को बुलाकर अपनी मजबूत दावेदारी का ऐलान किया। वैसे बरबीघा नगर परिषद के शेरपर गांव से तीन-चार उम्मीदवार सभापति के हैं। इसकी भी चर्चा नगर में खूब हो रही है। शंकु कुमार के पक्ष में जदयू के विधायक सुदर्शन कुमार भी खुलकर आए हुए हैं और पिछले महीने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और केवल एक प्रत्याशी के पक्ष में सभी को एकजुट करने का प्रयास किया परंतु हुए असफल रहे।
भारतीय जनता पार्टी में सबसे अधिक दावेदारी
नगर परिषद के सभापति को लेकर भारतीय जनता पार्टी में सबसे अधिक दावेदारी हैं। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे बरबीघा के सकलदेव नगर मोहल्ला में रहने वाले संजीत प्रभाकर भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी है और लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी से ही बरबीघा के ही शेरपर निवासी वरुण सिंह जो किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। भारतीय जनता पार्टी के जिला कमेटी के बैनर तले होली मिलन समारोह आयोजित कर मजबूत दावेदारी दे दी। जबकि भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के ही जिला अध्यक्ष गौतम कुमार ने भी अपनी दावेदारी दी है। वरुण सिंह और गौतम कुमार शेरपर गांव निवासी है।इसी गांव से चौथे उम्मीदवार की भी चर्चा हो रही है। लोजपा के नेता चिंटू सिंह ने भी अपनी दावेदारी की बात कही है।
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जदयू से भी कई दावेदार
बात यदि जदयू के करें तो कई दावेदार हैं। शंकु कुमार को जदयू से जुड़े हुए हैं । वहीं बरबीघा नगर परिषद में हाल ही में शामिल हुए बभनबीघा गांव निवासी स्वर्गीय दशरथ सिंह के पौत्र एवं महेश सिंह के पुत्र कुणाल ने भी अपनी दावेदारी दी है और एक महीने से अपनी सक्रियता बना ली है। सोशल मीडिया पर सक्रीय होने के साथ-साथ लोगों से मिलना जुलना भी शुरू कर दिया है। जदयू नेता सुरेश सिंह के भतीजे कुणाल की दावेदारी भी सामने आई है। वहीं इसी पंचायत से पूर्व मुखिया चुनचुन सिंह चुपके चुपके खिचड़ी पका रहे है।
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कई ने अभी नहीं खोले हैं पत्ते
बरबीघा नगर परिषद सभापति की कुर्सी के कब्जे की लड़ाई में कई ने अपने पत्ते अभी नहीं खोलें है। नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रहे समाजवादी नेता शिवकुमार ने कई बैठकों के बाद ही प्रत्याशी कौन होंगे इस पर अभी मंथन कर रहे हैं । हालांकि शिव कुमार की सक्रियता नगर परिषद सभापति की कुर्सी में उनकी दिलचस्पी को जाहिर कर रहा है। परंतु उनके खेमे में व्यापक छवि वाले प्रत्याशी की कमी या कोई विशिष्ट चेहरा भी तक खुलकर सामने नहीं आया। हालांकि होली मिलन समारोह में उनके कई समर्थक जुटे थे। इसे भी नगर परिषद सभापति की कुर्सी से जोड़कर देखा जा रहा है। बरबीघा के माउर गांव निवासी प्रसून कुमार भल्ला की भी सभापति चुनाव में चर्चा जमकर है। वह भी निवर्तमान में वार्ड सदस्य हैं और वार्ड की राजनीति में काफी सक्रिय रहे। हालांकि गांव में कई विवादास्पद मुद्दे को लेकर आपसी खींचतान अधिक होने से उनके कई विरोधी सक्रिय हैं।
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कांग्रसी नेता भी चुपचाप
नगर परिषद सभापति के दावेदारी में अपने पत्ते नहीं खोलने वाले में पूर्व नगर अध्यक्ष एवं रामपुरसिंडाय निवासी अजय सिंह का नाम भी प्रमुख है। उनके द्वारा भी अभी इसको लेकर पत्ते नहीं खोले गए है। उधर, नगर परिषद के बाजार क्षेत्र से भी कई दावेदारों की सुगबुगाहट है परंतु वे लोग चुपके चुपके काम कर रहे हैं। इसलिए उनका नाम खुलकर सामने नहीं आ रहा है। ज्यादातर दावेदारों की बात करें तो सोशल मीडिया पर इस लड़ाई में खुद को सभापति की मजबूत दावेदार बता रहे हैं और अपने अपने जीत के मजबूत दावेदार रहे हैं। परंतु बरबीघा नगर परिषद के चुनाव में कई खेल अभी होने बाकी है।
पिछले 15 साल के एंटी इनकंबेंसी का खामियाजा निवर्तमान सभापति रोशन कुमार के सामने पहाड़ से खड़ी है। नगर परिषद में गंदगी, नगर परिषद में जल निकासी का साधन नहीं होना, बरबीघा नगर परिषद के करोड़ों के बने नाला में जलजमाव और मच्छरों का प्रकोप, निर्माण कार्य बनते ही ध्वस्त हो जाना ऐसे कई राजनीतिक मुद्दे हैं जिन का हिसाब किताब चुनाव में जनता जरूर मांगेगी। वैसे राजनीति में पूंजी इन्वेस्टमेंट करो और कमाओ के मास्टर रहे इनकी रणनीति पिछले कई बार से सफल रही है परंतु इस बार के चुनाव में इस रणनीति को विपक्षी कैसे तोड़ेंगे यह देखने में बड़ा दिलचस्प होगा। जानकार बताते हैं कि निवर्तमान सभापति अधिक से अधिक प्रत्याशियों की दावेदारी से मन ही मन खुश हो रहे हैं और कई जगह वे अपने समर्थकों को भी प्रत्याशी बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
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