पद्मश्री से सम्मानित ने औरंगजेब से अशोक सम्राट की कर दी तुलना, बवाल
पद्मश्री से सम्मानित ने औरंगजेब से अशोक सम्राट की कर दी तुलना, बवाल
News Desk
पद्मश्री सम्मान से सम्मानित साहित्यकार ने जब अपने एक साक्षात्कार में सम्राट अशोक और औरंगजेब की तुलना कर दी तो इस पर राजनीति गर्म हो गयी। राजनीति इतनी गर्म हुई कि जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इसे गलत करार दिया। उन्होंने इस पर संज्ञान लेते हुए इसकी निंदा कर दी।
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि
बृहत अखंड भारत के एकमात्र चक्रवर्ती सम्राट “प्रियदर्शी अशोक मौर्य” का स्वर्णिम काल मानवता व लोकसमता के लिए विश्वभर में जाना जाता है। सम्राट अशोक बिहार व भारत के अमिट प्रतीक थे और हैं।
सम्राट अशोक मौर्य और बिहार के साथ कोई खिलवाड़ करे, सच्चे भारतीय कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस बात का जिक्र उन्होंने टि्वटर पर किया है और इस पर कई लोगों के द्वारा भी आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। लोगों के द्वारा अपने अपने कमेंट में इसे गलत बताया जा रहा है।
किसने औरंगजेब से सम्राट अशोक की कर दी है तुलना
दरअसल भारत सरकार ने पहली बार साहित्य अकादमी के लिए नाटक को चुना गया और इसके लेखक और मंचन करने वाले साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा को साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार दिए जाने के बाद नवभारत टाइम्स अखबार ने उनका इंटरव्यू लिया। उस इंटरव्यू में उन्होंने औरंगजेब की तुलना सम्राट अशोक से कर दी। जिस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह ने संज्ञान लिया और और इस पर आपत्ति की है।
बिहार सरकार के आदर्श सम्राट अशोक
भारत का अशोक स्तंभ और देशभक्ति का प्रतीक सम्राट अशोक है और बिहार सरकार ने सम्राट अशोक को लेकर विशेष लगाव भी दिखाया है। पिछले कई सालों में प्रत्येक जिला में सम्राट अशोक भवन का निर्माण नीतीश कुमार की पहल पर कराया गया है। और सम्राट अशोक को लेकर राजकीय समारोह भी होते हैं। जयंती पर यह सब आयोजन होता है।
बृहत अखंड भारत के एकमात्र चक्रवर्ती सम्राट "प्रियदर्शी अशोक मौर्य" का स्वर्णिम काल मानवता व लोकसमता के लिए विश्वभर में जाना जाता है। सम्राट अशोक बिहार व भारत के अमिट प्रतीक थे और हैं।
सम्राट अशोक मौर्य और बिहार के साथ कोई खिलवाड़ करे, सच्चे भारतीय कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। pic.twitter.com/cKc06toqL7
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) January 10, 2022
श्री सम्राट अशोक का कलिंग युद्ध के बाद ह्रदय परिवर्तन हुआ और अपने देशमे कानून बनाया की कोई भी व्यक्ति पशु की भी हत्या नही कर सकता , औऱ 8 बौद्ध साधु को दुनिया के चारो दिशामे बौद्ध धर्म का प्रचार करने भेजे थे ,
अहिंसा परमो धर्म ,— Yogesh Shukla (@ysshukla) January 10, 2022
सम्राट अशोक पर हमला सिर्फ बिहार और स्वर्णिम भारतीय इतिहास के ऊपर हमला नहीं है अपितु ये हमारे राष्ट्रिय ध्वज के ऊपर हमला है। जो अशोक चक्र तिरंगे की शान है, भारत की आईडेंटिटी का हिस्सा है।#सम्राट_अशोक_महान
— Sanjeev Ks (@thesanjeevks) January 10, 2022
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