अन्नप्राशन दिवस का आयोजन, जानिये क्या हुआ
घाटकुसुंभा
घाटकुसुंभा प्रखंड अंतर्गत घाटकुसुम्भा और गगौर में अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया। ईस मौके पर आई सी डी एस के डी पी ओ तृप्ति सिन्हा तथा पीरामल फाउंडेशन के जिला प्रभारी विशाल कुमार के द्वारा घाटकुसुम्भा तथा गगौर गांव का भ्रमण किया गया। जहाँ एक ओर कोविढ़-19 संक्रमण के कारण बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा भोजन से वंचित हो रहे है वहीं अभिभावक की सक्रियता अत्यधिक मायने रखती है। लोग अपने घरों में बच्चों के खान पान एवं स्वच्छता पे विशेष धयान दे।
इसलिए जरुरी है पूरक आहार: छह माह तक शिशु का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता है एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन लगभग तीन गुना एवं लम्बाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाती है. जीवन के दो वर्षों में तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है. इसके लिए अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत होती है. इसलिए 6 माह के बाद शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार देना चाहिए.
ऐसे दें बच्चों को पूरक आहार: 6 माह से 8 माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल -चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस (चम्मच से गिराने पर सरके, बहे नही) , खूब मसले साग एवं फल प्रतिदिन दो बार 2 से 3 भरे हुए चम्मच से देना चाहिए. ऐसे ही 9 माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन 3 से 4 बार एवं 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं धुले एवं कटे फल को प्रतिदिन भोजन एवं नास्ते में देना चाहिए.
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जिसमे मुखिया जीतेन्द्र कुमार की अहम् भूमिका रही जिन्होंने पहले से ही ग्रामीणों को अन्नप्रासन के प्रति लोगो को जागरूक करते रहे। इस दौरान समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया केंद्रों पर बच्चों के माता-पिता के अलावा दादा-दादी नाना-नानी वरिष्ठ सदस्यों ने भी इस पर्व में हिस्सा लिया । मोके पर महिला प्रवेक्षिका आभा कुमारी उमेश कुमार आदि उपस्थित थे।
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