आंगनबाड़ी सेविकाओं ने ओटीपी ट्रेनिंग का किया बहिष्कार
शेखपुरा
शुक्रवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं को ओटीपी ट्रेनिंग के लिए प्रखंड कार्यालय बुलाया गया था। आंगनबाड़ी सेविकाओं ने ओटीपी ट्रेनिंग का बहिष्कार किया । साथ ही साथ सैकड़ों की संख्या में सेविका और सहायिका बाल विकास कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की।
आंगनवाड़ी सेविका के जिला अध्यक्षा कोमल सिन्हा ने बताया कि कोरोना महामारी के भयंकर संक्रमण के दौर में बिना किसी सुरक्षा संसाधन के डीबीटी के नाम पर घर घर घूमने तथा आधार नंबर अकाउंट नंबर जमा करने का कार्य करने को बाध्य किया गया। बाद में इसे आधा अधूरा ढंग से लागू किया गया । अब फिर नए फरमान के तहत ओटीपी के द्वारा कार्य करने को बाध्य किया जा रहा है ।इतना ही नहीं नित दिन नए कार्यों से सेविका और सहायिका को परेशान किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि उचित मानदेय के नाम पर सेविकाओं को समाजसेवी कहकर टरका दिया जाता है । 2018 के बाद से कार्य करने वाली आंगनवाडी सेविकाओं को वेतन भी नहीं दिया जा रहा है । जबकि डाटा ऑपरेटर की तरह कार्य करने को विवश किया जाता है। कमीशन के चक्कर में आंगनबाड़ी सेविकाओं को घटिया मोबाइल थमा दिया गया है। सेविकाओं ने कहा कि कोरोना काल में घर घर भेज कर जबरन डाटा इकट्ठा कराया गया और डीबीटी करने की नाटक बाजी की गई । सचाई यह है कि डाटा उपलब्ध कराए जाने के बावजूद भी सारे लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल पाया है। अब ओटीपी से कार्य करने का नौटंकी किया जा रहा है । सरकार आंगनबाड़ी सेविकाओं से रोबोट की तरह काम लेना चाहती है जब कि सरकार काम के हिसाब से वेतन नहीं दे पा रही है। सोमवार को जिला के सभी प्रयोजना में धरना एवं प्रदर्शन के माध्यम से सीडीपीओ को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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