आप खाएं थाली में, बच्चे को दे प्याली, गूंज उठा गीत
शेखपुरा
राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत जिले में चलाए जा रहे हैं पोषण माह में आज जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। पीरामल फाउंडेशन के जिला प्रतिनिधि विशाल कुमार ने बताया कि बच्चों को सही पोषण मिले इसके लिए जरूरी है उन्हें अलग से कटोरी और चम्मच से आहार दिया जाए परिवार के सदस्यों की थाली में खाना खिलाने की परंपरा से यह अनुमान लगाना कठिन होता है
कि बच्चे को पर्याप्त आहार मिला अथवा नहीं। छह माह पूरा होते ही बच्चों के विकास के लिए मां के दूध के साथ ऊपरी आहार प्रारंभ करना होता है और सामाजिक परंपरा के अनुसार अन्नप्राशन भी होता है। 6 माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों को अक्सर परिवार के सदस्य अपनी थाली में खाना खिलाते हैं उनके लाड प्यार से यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि बच्चे का पेट भरा है या नहीं। इस उम्र में बच्चे चंचल होते हैं और थोड़ा खाने के बाद खेलने में लग जाते हैं इस दौरान परिवार के सदस्य अपनी थाली का खाना चट कर जाते हैं। थाली में भोजन नहीं रहने से बच्चा दुबारा खाने के मांग नहीं करता और खाली पेट रह जाता है उन्हें भूख लगने पर मां के दूध पर ही निर्भर रहना पड़ता है हमारी इस परंपरा की वजह से बच्चे को पर्याप्त आहार नहीं मिलता है और बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है
अन्नप्राशन दिवस के अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कटोरी में चम्मच से पहला ऊपरी आहार खिलाया जाता है साथ ही आशा दीदी गृह भ्रमण करती है और परिवार के सदस्यों को कटोरी चम्मच से खाना खिलाने के महत्व को बताती है ।मां के दूध के साथ ऊपरी आहार भी दे इसके लिए बाहरी सामग्रियों से अच्छा, घर का बना हुआ मसला हुआ कद्दू, लौकी, गाजर, पालक, दाल, अंडा, मछली भी देना चाहिए साथ ही खाद्य पदार्थों में एक चम्मच घी तेल या मक्खन मिलाएं। नमक चीनी और मसाले कम डाले। बच्चे को बिस्किट, मिठाई जैसी चीजें कम खिलाये। इस दौरान आज जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों पर लोगों ने जाति धर्म ,ऊंच-नीच अमीरी गरीबी के दूरियों को मिटाकर अपने शिशुओं के साथ बढ़ चढ़कर इस आयोजन मे भाग लिया ।
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