सिखों के पहले धार्मिक गुरु नानक जी की 550वीं जयंती का हुआ आयोजन
शेखोपुरसराय
साईं कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग ओनामा के प्रांगण में आज गुरु नानक जंयती मनाई गईं । इस दिन सिखों के पहले गुरु नानकदेव का जन्म हुआ था। इनके जन्म दिवस को बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया। इन्हें सिख धर्म का संस्थापक माना जाता है। गुरु नानक देव जी एक दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृहस्थ, योगी और देशभक्त थे।
इस अवसर पर महाविद्यालय के D.El.Ed. एवं B.Ed. के प्रशिक्षुओं के द्वारा इनके जीवन पर विचार व्यक्त किया गया। महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भी नानक जी के द्वारा प्रदान की गई शिक्षा को अपने जीवन में उतारने की बातें कहीं। महाविद्यालय के अध्यक्ष अंजेश कुमार ने कहा कि इनके जन्म के मौके पर आज भी इनके द्वारा दिये गये उपदेश सार्थक सिद्ध हुए हैं ।
इन्होंने ही सिख धर्म की स्थापना की। लंगर की शुरुआत भी इन्हीं के द्वारा की गई थी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० प्रवेश कुमार ने कहा कि नानक जी का मन बचपन से ही सांसारिक कामों में नहीं लगता था, वह ईश्वर की भक्ति और सत्संग आदि में ज्यादा रहते थे।
भगवान के प्रति समर्पण देखकर लोग इन्हें दिव्य पुरुष मानने लगे। इस अवसर पर महाविद्यालय के सहायक प्राचार्य सर्वेश कुमार राय, प्राध्यापक रविंद्र कुमार, राकेश गिरी, विश्वजीत कुमार, उदय भान, खुशबू कुमारी, निभा शर्मा, पुस्तकालय अध्यक्ष प्रियंका कुमारी, प्रशाखा पदाधिकारी राजाराम, रघुवीर शंकर, कंप्यूटर संकाय के आसित अमन एवं सीताराम सिंह की उपस्थिति रही।
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