राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस की कार्यशाला संपन्न
बरबीघा
बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक आचार्य गोपाल जी ने बताया कि बाल विज्ञान कांग्रेस के शिक्षकों एवं बाल वैज्ञानिकों की कार्यशाला आज दिनांक 17 अगस्त 2019 को डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल बरबीघा में 11 बजे मुख्य अतिथि नागेंद्र प्रसाद राय राष्ट्रीय साधन सेवी सह अवकाश प्राप्त प्रोफेसर वनस्पति विज्ञान पीजी विभाग , सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह सदस्य साइंस फॉर सोसायटी लखीसराय , अरविंद कुमार भारती अध्यक्ष साइंस फॉर सोसायटी लखीसराय एवं जिला समन्वयक जयप्रकाशसिंह साइंस फॉर सोसायटी लखीसराय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर प्रारंभ किया .कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला समन्वयक सह जिला माध्यमिक संघ शेखपुरा के परीक्षा सचिव रमाकांत शर्मा ने किया तथा मंच संचालन समन्वयक आचार्य गोपाल जी ने किया .इस अवसर पर जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव राजनीति कुमार , एसकेआर कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर देव बाबू , महात्मा गांधी आदर्श उच्च विद्यालय बभनबीघा के पूर्व प्राचार्य राजकुमार प्रसाद सिंह , संस्कार पब्लिक स्कूल के निदेशक विनोद कुमार ,जीआईपी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य रंजीत कुमार , साइंस फॉर सोसायटी शेखपुरा के कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार , साइंस फॉर सोसायटी के अमित कुमार ,राम रंजन पांडे आदि जिले के विद्यालय के शिक्षक एवं बाल वैज्ञानिक उपस्थित थे. इसमें प्रत्येक विद्यालय से एक शिक्षक एवं एक बाल वैज्ञानिक की सहभागिता अनिवार्य थी. इस प्रतियोगिता में 2 वर्ग है निम्न आयु वर्ग में 10 से 14 वर्ष के बच्चे तथा आयु वर्ग में 14 से 17 वर्ष के बाल वैज्ञानिक भाग लिया. आज के इस कार्यशाला में कुल 51 विद्यालय ने सहभागिता दर्ज की.
जिसके मुख्य साधनसेवी मुजफ्फरपुर के प्रोफेसर एन पी राय ,लखीसराय के जयप्रकाश बाबू , भारती जी आदि थे.
धन्यवाद ज्ञापन डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल के निदेशक सुधांशु शेखर ने किया.
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद उत्प्रेरित करती है. इसका मुख्य उद्देश्य देश के कोने कोने में जाकर विज्ञान प्रतिभाओं की खोज करना एवं बच्चों में वैज्ञानिक चेतना का अंकुरण कर उन्हें स्थानीय परिवेश में तार्किक वैज्ञानिक खोज की दिशा में आगे बढ़ाना है. पूरे विश्व में यह एक अनोखा कार्यक्रम है तथा दो दशकों से चलते हुए इस प्रभावि कार्यक्रम की बच्चों के बीच पहचान बन गई है.यह कार्यक्रम वर्ष 1993 से लगातार प्रत्येक वर्ष पूरे राष्ट्र में आयोजित होता है तथा इसमें विद्यालयों एवं विद्यालय से बाहरी बच्चे भी भाग लेते हैं.
बच्चे मुख्य विषय से संबंधित स्थानीय समस्याओं को चिन्हित कर विज्ञान-विधि की सहायता से नवाचारी खोज करते हैं तथा देश के हर जिले में आयोजित बाल विज्ञान कांग्रेस में अपने शोध परिणाम को प्रस्तुत करते हैं विद्यालय से शुरू होकर यह जिला राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचता है. इस कार्यक्रम से नव युवकों में खोजी-प्रवृत्ति को बल मिलता है.
इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1993 में इन उद्देश्यों को पूर्ति करने हेतु की गई थी.
* युवा वैज्ञानिकों को ऐसा मंच प्रदान करना जहां अपने शोध कार्य को प्रदर्शित कर वे अपने खोज एवं ज्ञान की प्यास को तृप्त कर पायें.
* युवा पीढ़ी अपने आसपास की समस्याओं को जाने-समझे एवं वैज्ञानिक विधि से समस्याओं को हल करने की दिशा में सीखने समझने का प्रयास करें.
* देश के भविष्य निर्माण में वैज्ञानिक विज्ञान के महत्व एवं भूमिका को समझते हुए संवेदनशील एवं जिम्मेदार लोग नागरिक बनने की दिशा में आगे बढ़ें.
* युवाओं में वैज्ञानिक चेतना का निर्माण करना विज्ञान विधि को समझना जिससे अवलोकन, आंकड़ा संग्रह, प्रायोगिक विश्लेषण, द्वारा निष्कर्ष पाने की प्रक्रिया आत्मसात कर पायें.
बाल विज्ञान कांग्रेस के माध्यम से बच्चों में स्वास्थ्य स्वच्छता एवं सफाई व्यवस्था के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है तथा उन्हें अलग-अलग विषयों पर समझाकर उन्हें परिपक्व किया जा रहा है.
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