• Thursday, 25 April 2024
भादो का महीना और सूखी है नदी, किसान पीट रहे छाती..हाय!!

भादो का महीना और सूखी है नदी, किसान पीट रहे छाती..हाय!!

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बरबीघा।

बरबीघा विधानसभा क्षेत्र के बरबीघा और शेखोपुरसराय प्रखंड के किसानों के लिए सकरी नहर जीवन रेखा के रूप में जानी जाती है और यही सकरी नहर सावन महीने में पूरी तरह से सूखी हुई है। जिससे धान की खेती करने वाले किसान परेशान हैं । यह नहर बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह के द्वारा नवादा जिले के पौरा बरबीघा तक पहुंचाई गई थी।

उपेक्षा का शिकार है नहर

जानकारों की मानें तो बरबीघा के खेतों की सिंचाई करने वाली नहर उपेक्षा का शिकार है और राजनीतिक रूप से सक्रिय जनप्रतिनिधियों की भूमिका नहीं होने से इस नहर में पानी नहीं आ रही।

क्या कहते है किसान

इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता और किसान काजू सिंह ने बताया कि नवादा जिले के पौरा में नहर पे बरबीघा की तरफ पानी आने के लिए शटर लगाई गई है और बांध का निर्माण किया गया है परंतु बांध का रखरखाव ठीक से नहीं किया जाता और ना ही वहां पर कोई कर्मचारी की तैनाती है जो इसकी देखभाल करते जिसके वजह से बरबीघा के तरफ पानी छोड़ा जा सकता और इसी कारण बरबीघा की तरफ पानी नहीं आता।

उधर इस संबंध में युवा किसान एवं सक्रिय कार्यकर्ता मुकेश कुमार (बभनबीघा) कहते हैं कि नहर की देखभाल नहीं की जा रही। शेखोपुरसराय प्रखंड के क्षेमा गांव में नहर के ऊपर बांध रूपी छिलका बना दिया गया जिसकी वजह से जो कुछ पानी बरबीघा की तरफ आना होता था वह भी नहीं आता और टाटी नदी में जाती है। साथ ही साथ नहर पर कई जगह बड़े बड़े बांध बनाकर पानी को रोक लिया जाता है जिससे बरबीघा के किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता।

पूर्व विधायक ने करवाई थी सफाई

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इस नहर की उड़ाही जदयू के पूर्व विधायक गजानंद शाही के सक्रियता की वजह से हो सका था। साठ सालों के बाद इस नहर की उड़ाही करवाई गई जिस पर दो करोड़ 65 लाख रूपय खर्च हुए परंतु इस उड़ाही का लाभ भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है।

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